Monday, 16 May 2016

उल्फत नहीं नफ़रत ही सही

1. उल्फत नहीं नफ़रत ही सही..
चलो कुछ तो है जो उसे दिल से था..
2. टूट ही जाती मेरा हशर-ए-ज़िन्दगी देख कर..
अच्छा है मेरे हाल की मेरी माँ को खबर नहीं..
3. आप ही अपनी जफ़ाओं पर अगर गौर करें तो इनायत होगी..
अगर हम अर्ज़ करेंगे तो आप को शिकायत होगी..

 

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