Friday, 22 January 2016

Jhagda pati patni ka पति-पत्नी

हम पति-पत्नी के बीच हर समय झगड़ा क्यों होता रहता है, मुझे तो समझ नहीं आता।
यदि आप समझ जाएं तो मुझे भी समझाइयेगा।
😀😀😀😀😃😃😃😃😃
किस्सा नं. (1)
मैं TV पर फिल्म देख रहा था। 
बाजार से लौटी मेरी पत्नी ने पूछा- "क्या देख रहे हो...???"
"TV पर पड़ी हुई धूल" मैंने उत्तर दिया।
बस तुरंत झगड़ा शुरू हो गया
😀😀😀😀😀😀😀😝😝😝
किस्सा नंबर (2)
मेरी पत्नी ने कहा-
"आज महंगी चीजें बिकने वाली किसी जगह पर ले चलो।"
मैं उसे पेट्रोल-पम्प पर ले गया
और झगड़ा शुरू हो गया।
😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃
किस्सा नंबर (3)
सर्राफा-बाजार से गुजरते हुए मेरी पत्नी ने कहा- "मेरा गले के लिए कुछ दिला दो।"
मैंने तुरंत एक केमिस्ट से स्ट्रेपसिल्स का पत्ता लेकर दे दिया
और हमारा झगड़ा शुरू हो गया।
😀😀😀😀😝😝😝😝😝😝
किस्सा नंबर (4)
एक दिन कार से कहीं घूमने के लिए जाते हुए मेरी पत्नी बोली-
"आज कहीं ऐसी जगह ले चलो जहां मैं बहुत समय से ना गई होउं।"
मैं उसे अपनी मां के घर ले गया
और उसका मेरा झगड़ा शुरू हो गया।
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀
किस्सा नंबर(5)
एक दिन पत्नी बोली- "सामने वाले शर्मा जी ऑफिस से आते ही मिसेज शर्मा को गले लगते हैं, आप ऐसा क्यों नहीं करते...???"
"कर तो दूं.. मगर मिसेज शर्मा यदि बुरा मान गयी तो...!!
फिर झगड़ा"..!
अब आप ही बताओ क्या करूँ
😕😣😳😨😩😭😃😃😃
तो बस ये ही कह सकता हूँ की.....
: ये शादी नहीं आसान ,
बस इतना समझ लीजिए ;
हरी मिर्च की टॉफी है ,
और चूस कर खानी है |

Thursday, 21 January 2016

#‎लैंडलाइन_वाला_प्यार‬



जहाँ मेरा लैंडलाइन कभी घर में रखा जाता था वहाँ दीवारों पर तुम्हारे घर का नम्बर, तुम्हारी सहेलियों के घर का नम्बर अभी भी पेन्सल से लिखा हुआ है बस एक दो रंगाई की वजह से बहुत धुँधला सा हो गया है।काश तब मोबाइल इतने सस्ते होते या फिर पापा कुछ ज़्यादा पैसे ही दे देते तो मोबाइल ख़रीद सकता उसमें रीचार्ज करा पाता।हमारा प्यार भी तो उसी दौर का था जब लव लेटर आउट डेटेड हो रहे थे और मोबाइल का युग आ चुका था। बहुत असमंजस की स्थिति होती थी तब जब वीकेंड आता था या फिर तुम कोई सवाल पूछती थी और उसका जवाब देने के लिए मुझे अगले दिन टूइशन या कॉलेज में लवलेटर अदला बदली करने तक इंतज़ार करना पड़ता था।पर कुछ समय बाद ऊपर वाले ने भी हम लोगों की इस समस्या का हल निकाल दिया मोबाइल के आने के बाद पापा ने लैंडलाइन पर से लॉक हटा दिया।अब हम रोज घंटो बात करते थे हालाँकि हम दोनो की मम्मी कुछ देर बाद डाँटना शुरू कर देती थी शाम को पापा के आने पर शिकायत करेंगी इस टाइप की धमकियाँ भी मिलने लगती थी। कौन है किस दोस्त/सहेली से बात कर रही हो तमाम सवाल भी एक साथ जड़ देती थी।हम भी तो बहुत शरारती थे हम लोग दोपहर का इंतज़ार करते जब हमारी मम्मी सो जाए फिर लैंडलाइन का वॉल्यूम कम करके फ़ोन का इंतज़ार करते और मम्मी के जगने तक लम्बी लम्बी बातें करते।अब मेरे पास लैंडलाइन नही है अब ख़ुद का मोबाइल है और तुम्हारे पास भी होगा पर ना तुम मेरा नम्बर जानती हो ना मैं तुम्हारा।अब मम्मी भी बात करने पर पापा से शिकायत नही करेंगी। एक बार और टूइशन या कॉलेज में आ जाओ तुम्हारी नोट्स के पीछे वाले पेज पर मैं अपना नम्बर लिख दूँगा फिर हम रोज़ घंटो बातें करेंगे।मैं जानता हूँ कि अब बहुत देर हो चुकी है और तुम अब किसी और की हो चुकी हो।
‪#‎लैंडलाइन_वाला_प्यार‬

Wednesday, 20 January 2016

Ajeeb riwaz

Ajeeb riwaz hai ye mitti se bane log ka aap se tum,tum se
jaan..,aur jaan se anjaan ho jate hai.

कामवाली - kaam wali



एक राजमहल में कामवाली और उसका बेटा काम करते थे. एक दिन राजमहल में कामवाली के बेटे को हीरा मिलता है. वो माँ को बताता है.
कामवाली होशियारी से वो हीरा बाहर फेककर कहती है ये कांच है हीरा नहीं.कामवाली घर जाते वक्त चुपके से वो हीरा उठाके ले जाती है.
वह सुनार के पास जाती है...
सुनार समझ जाता है इसको कही मिला होगा, ये असली या नकली पता नही इसलिए पुछने आ गई.
सुनार भी होशियारी सें वो हीरा बाहर फेंक कर कहता है
ये कांच है हीरा नहीं.
कामवाली लौट जाती है.
सुनार वो हीरा चुपके सेे उठाकर जौहरी के पास ले जाता है, जौहरी हीरा पहचान लेता है. अनमोल हीरा देखकर उसकी नियत बदल जाती है. वो भी हीरा बाहर फेंक कर कहता है ये कांच है हीरा नहीं.
जैसे ही जौहरी हीरा बाहर फेंकता है...
उसके टुकडे टुकडे हो जाते है.
यह सब एक राहगीर निहार रहा था...
वह हीरे के पास जाकर पूछता है... कामवाली और सुनार ने दो बार तुम्हे फेंका... तब तो तूम नही टूटे... फिर अब कैसे टूटे?
हीरा बोला....
कामवाली और सुनार ने दो बार मुझे फेंका
क्योंकि...
वो मेरी असलियत से अनजान थे.
लेकिन....
जौहरी तो मेरी असलियत जानता था... तब भी उसने मुझे बाहर फेंक दिया... यह दुःख मै सहन न कर सका... इसलिए मै टूट गया .....
ऐसा ही...
हम मनुष्यों के साथ भी होता है !!!
जो लोग आपको जानते है, उसके बाबजूद भी आपका दिल दुःखाते है तब यह बात आप सहन नही कर पाते....!
इसलिए....
कभी भी अपने स्वार्थ के लिए करीबियों का दिल ना तोड़ें...!!!
हमारे आसपास भी... बहुत से लोग... हीरे जैसे होते है !
उनकी दिल और भावनाओं को .. कभी भी मत दुखाएं...
और ना ही...
उनके अच्छे गुणों के टुकडे करिये...!!

khush naseeb


Tuesday, 19 January 2016

जब प्यार किसी से होता है



ब प्यार किसी से होता है
हर दर्द दवा बन जाता है
क्या चीज मुहब्बत होती है
एक शख्स खुदा बन जाता है
ये लब चाहे खामोश रहें
आँखों से पता चल जाता है
कोई लाख छुपा ले इश्क मगर
दुनिया को पता चल जाता है
जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है
🌹🌹🌹🌹






प्यार की कश्ती में सोच समझ कर सवार होना जब ये चलती है तो किनारा नहीं मिलता और जब डूबती है तो सहारा नहीं मिलता

🌹🌹🌹🌹

"कर लेती हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ.. की खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद"

🌹🌹🌹🌹


मै सूरज के साथ रहकर भी भूली नहीं अदब.....
लोग जुगनू का साथ पाकर मगरूर हो गये...

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ham to teri khomoshi se pyar kar lete hain


Monday, 18 January 2016

har chahat ka matlab


bas ek jara sath ho tera


I Am A Lesbian

Santa Ek Khubsurat Ladki Se

Santa: “Chalo Sex Karte Hain”

Ladki: “Sorry I Am A Lesbian”

Santa: “Lesbian?? Ye Kya Hota Hai”

Ladki: “Matlab Main Bas Ladkio K Saath Sex Karti Hoon”

Santa: “De Taali!! I Am Lesbian Too, Main Bhi Sirf Ladkiyo Se Hi Sex Karta Hun“

अजीब मुल्क है

अजीब मुल्क है 
🌹🌹🌹🌹
यह अजीब मुल्क है, रिश्वत सुविधा शुल्क है ।
काम होगा मरजी से, जल्दी है तो शुल्क है ।।
यह नदियों का मुल्क है , पानी भी भरपूर है।
बोतल मे बिकता है पन्द्रह रू. शुल्क है ।।
यह शिक्षकों का मुल्क है, स्कूल भी खूब है।
बच्चे पढने जाते नही, पाठशाला नि: शुल्क है ।।
यह अजीब मुल्क है, निर्बलों पर हर शुल्क है ।
अगर आप बाहुबली हो तो हर सुविधा नि: शुल्क है ।।
यह गरीबों का मुल्क है, जनसंख्या भी भरपूर है।
परिवार नियोजन मानते नही , नसबंदी नि: शुल्क है।।
यह अपना ही मुल्क है ,कर कुछ सकते नही।
कह कुछ सकते नही, बोलना नि: शुल्क है ।।
यह शादियों का मुल्क है, दान दहेज भी खूब है ।
बिना टिकट पकड़े, रोटी कपड़ा नि: शुल्क है।।
यह धनी मुल्क है ,कपड़े खरीदने पैसे नही । 
आधे कपड़े पहन के कहते यह हमारी शान है ।।
यह अजीब मुल्क है , हर जरूरत पर शुल्क है। 
ढूँढ कर देते है लोग सलाह नि: शुल्क है ।।
यह आबाम का मुल्क है, रहबर चुनने का हक है ।
वोट देने जाते नही , मतदान नि: शुल्क है ।। 
यह अजीब मुल्क है , यह अजीब मुल्क है ।।

Baba ji jokes



Ek Bar Baba Ji Ka Ek Bhakat Thha “Devender” Naam Ka

Uska Lund Bada Chota Thha, To Vo Hamesha Baba Ji Ke Piche Pada Rahta Thha Aur Puchta Thha

“Baba Ji, Kirpya Mere Ko Apna Lund Bada Karne Ka Upaye Bataye”

Baba Ji Hamesha Usko Taal Dete Thhe, Par Ek Din Usne Jidd Hi Pakad Li Aur Baba Ji Ke Dwar Par Beth Gaya.

Baba Ji Ne Akhir Tang Aakar Usko Ek Bahut Hi Secret Tarika Lund Bada Karne Ka Bata Hi Diya.

Baba Ji Ne Kaha Ki Ek Sunder Si Callgirl Ko Ek Mahine Ka Advance Rent Deke Book Kar Le.

Fir Uski Chut Ki Acche Se Shave Karke Uske Aur Apne Sare Kapde Kapde Utar Ke Bed Pe Lita Le

Ab Apne Lund Ko Uski Chut Se Thoda Sa Fix Duri Par Rakh, Jitna Bhi Tera Dil Kare Lund Ko Chut Se Touch Na Karne Diyo.

Pure Ek Mahine Tak Isi Tarha Se Lund Ko Rok Ke Rakhiyo, Kisi Bhi Hal Mein Chut Se Touch Tak Na Karne Diyo

Ek Mahine Ke Baad Jab Tu Check Kargea To Payega Ki Tera Lund Ab Chut Ko Touch Karne Lag Gaya Hai

Aur Utna Badd Chuka Hai Jitni Tune Chut Se Duri Rakhi Thi.

Devender Ne Hairan Hoke Pucha Ki: “Aisi Kaisi Baba Ji?”

To Baba Ji Muskuraye Aur Bole

“Beta Chut Ki Pyas Itni Buri Hai Ki Lund Apne Ko Khinch Khich Ke Uski Taraf Le Jane Ki Koshish Karega Aur Uski Lambayi Badti Jayegi.”

Palat Ke Dekh



Palat Ke Dekh Ek Bar Zalim,

Tamanna Hum Bi Rakhte Hai,

Husn Mana Tum Rakhti Ho To,

To Jawaani Hum Bi Rakhte Hain,

Agar Gehrai Tum Rakhti Ho To,

Lambaai Hum Bi Rakhte Hain!

Tower Jo Khada Hai



Ladke Ka Mast Baatein Karne Ka Mood Bana To Apni Girl-Friend Ko Fon Kiya.

Ladki: “Hello, Janu Kaise Ho?”

Ladka: “Main To Theek Hoon Sweetheart, Aur Tum Sunao”

Ladki: “Kaha Se Baat Kar Rahe Ho?”

Ladka: “Basment Se”

Ladki: “Waha Bhi Network Mil Raha Hai”

Ladka: “Network Kyun Nahi Ayega Apna Personal Tower Jo Khada Hai“

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in exam room


in exam hall


Good Morning


Sunday, 17 January 2016



विशुद्ध प्रेम - जय श्री कृष्ण जी

विशुद्ध प्रेम
इस कथा को एक बार जरुर पढें और यदि आवश्यक समझें तो आगे भी भेजें ।
💎 प्रभु श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ बहुत-सी लीलायें की हैं । श्री कृष्ण गोपियों की मटकी फोड़ते और माखन चुराते और गोपियाँ श्री कृष्ण का उलाहना लेकर यशोदा मैया के पास जातीं । ऐसा बहुत बार हुआ ।
💎 एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ी । जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिए भागने लगे ।
💎 भागते-भागते श्री कृष्ण एक कुम्भार के पास पहुँचे । कुम्भार तो अपने मिट्टी के घड़े बनाने में व्यस्त था । लेकिन जैसे ही कुम्भार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ । कुम्भार जानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं । तब प्रभु ने कुम्भार से कहा कि 'कुम्भार जी, आज मेरी मैया मुझ पर बहुत क्रोधित है । मैया छड़ी लेकर मेरे पीछे आ रही है । भैया, मुझे कहीं छुपा लो ।'
💎 तब कुम्भार ने श्री कृष्ण को एक बडे से मटके के नीचे छिपा दिया । कुछ ही क्षणों में मैया यशोदा भी वहाँ आ गयीं और कुम्भार से पूछने लगी - 'क्यूँ रे, कुम्भार ! तूने मेरे कन्हैया को कहीं देखा है, क्या ?'
💎 कुम्भार ने कह दिया - 'नहीं, मैया ! मैंने कन्हैया को नहीं देखा ।' श्री कृष्ण ये सब बातें बडे से घड़े के नीचे छुपकर सुन रहे थे । मैया तो वहाँ से चली गयीं ।
💎 अब प्रभु श्री कृष्ण कुम्भार से कहते हैं - 'कुम्भार जी, यदि मैया चली गयी हो तो मुझे इस घड़े से बाहर निकालो ।'
💎 कुम्भार बोला - 'ऐसे नहीं, प्रभु जी ! पहले मुझे चौरासी लाख यानियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो ।'
💎 भगवान मुस्कुराये और कहा - 'ठीक है, मैं तुम्हें चौरासी लाख योनियों से मुक्त करने का वचन देता हूँ । अब तो मुझे बाहर निकाल दो ।'
💎 कुम्भार कहने लगा - 'मुझे अकेले नहीं, प्रभु जी ! मेरे परिवार के सभी लोगों को भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दोगे तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकालूँगा ।'
💎 प्रभु जी कहते हैं - 'चलो ठीक है, उनको भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त होने का मैं वचन देता हूँ । अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो ।'
💎 अब कुम्भार कहता है - 'बस, प्रभु जी ! एक विनती और है । उसे भी पूरा करने का वचन दे दो तो मैं आपको घड़े से बाहर निकाल दूँगा ।'
💎 भगवान बोले - 'वो भी बता दे, क्या कहना चाहते हो ?'
💎 कुम्भार कहने लगा - 'प्रभु जी ! जिस घड़े के नीचे आप छुपे हो, उसकी मिट्टी मेरे बैलों के ऊपर लाद के लायी गयी है । मेरे इन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो ।'
💎 भगवान ने कुम्भार के प्रेम पर प्रसन्न होकर उन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त होने का वचन दिया ।'
💎 प्रभु बोले - 'अब तो तुम्हारी सब इच्छा पूरी हो गयी, अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो ।'
💎 तब कुम्भार कहता है - 'अभी नहीं, भगवन ! बस, एक अन्तिम इच्छा और है । उसे भी पूरा कर दीजिये और वो ये है - जो भी प्राणी हम दोनों के बीच के इस संवाद को सुनेगा, उसे भी आप चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करोगे । बस, यह वचन दे दो तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकाल दूँगा ।'
💎 कुम्भार की प्रेम भरी बातों को सुन कर प्रभु श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और कुम्भार की इस इच्छा को भी पूरा करने का वचन दिया ।
💎 फिर कुम्भार ने बाल श्री कृष्ण को घड़े से बाहर निकाल दिया । उनके चरणों में साष्टांग प्रणाम किया । प्रभु जी के चरण धोये और चरणामृत पीया । अपनी पूरी झोंपड़ी में चरणामृत का छिड़काव किया और प्रभु जी के गले लगकर इतना रोये क़ि प्रभु में ही विलीन हो गये ।
💎 जरा सोच करके देखिये, जो बाल श्री कृष्ण सात कोस लम्बे-चौड़े गोवर्धन पर्वत को अपनी इक्क्नी अंगुली पर उठा सकते हैं, तो क्या वो एक घड़ा नहीं उठा सकते थे ।
💎 लेकिन बिना प्रेम रीझे नहीं नटवर नन्द किशोर । कोई कितने भी यज्ञ करे, अनुष्ठान करे, कितना भी दान करे, चाहे कितनी भी भक्ति करे, लेकिन जब तक मन में प्राणी मात्र के लिए प्रेम नहीं होगा, प्रभु श्री कृष्ण मिल नहीं सकते ।
🍁🍁
'हरी व्यापक सर्वत्र समाना ।
प्रेम से प्रकट होई मैं जाना ।।'
💎 'मोहन प्रेम बिना नहीं मिलता, चाहे कोई कर ल्यो कोटि उपाय ।' करोड़ों उपाय भी चाहे कोई कर लो तो प्रभु को प्रेम के बिना कोई पा नहीं सकता ।
🍁🍁
'प्रेम परिचय को पहचान बना देता है,
प्रेम वीराने को गुलिस्तान बना देता है ।
मैं आप बीती कहती हूँ - गैरों की नहीं,
प्रेम इन्सान को भगवान बना देता है ।।'
जय श्री कृष्ण जी

बाप का कहर



मां (बेटे से): इतनी देरसे आ रहा है!
कहां गया था?
,
,
बेटा: फिल्म देखने।
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मां: कौन सी?
,
बेटा: मां की ममता।
,
मां: जा बेटा, ऊपर जा.नई फिल्म लगी है, वह भी देख ले!
,
बेटा: कौन सी?....
मां: बाप का कहर

Saturday, 16 January 2016

पापा में तुमसे बड़ा हो गया



मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया
मुझसे कहने लगा "देखो पापा में तुमसे बड़ा हो गया"

मैंने कहा "बेटा इस खूबसूरत ग़लतफहमी में भले ही जकडे रहना
मगर मेरा हाथ पकडे रखना"


"जिस दिन ये हाथ छूट जाएगा
बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा"

"दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नही है
देख तेरे पांव तले अभी जमीं नही है"

"में तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा
जिस दिन तू वास्तव में मुझसे बड़ा हो जाएगा
मगर बेटे कंधे पे नही ...
जब तू जमीन पे खड़ा हो जाएगा!!

ये बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगा !
तेरे कंधे पर दुनिया से चला जाएगा !!

दिमाग से पैदल



शुक्ला जी का बेटा, ऐसी तस्वीर बनाता कि लगता मानो तस्वीर जिन्दा है.!!
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मास्टर जी ने, शुक्ला जी को फोन किया - ..आपका बेटा बड़ा शैतान है ..!!
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आज उसने क्लासरूम कीजमीन पे 1000 रूपये के नोट की हूबहू फोटो बना दी..उसे उठाने के चक्कर में मेरे नाख़ून टूट गए..इसे समझाते क्यों नहीं..?
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शुक्ला जी - ..मास्टरजी ..मैं खुद ICU से बोल रहा हूँ..पगले ने कल बिजली के सॉकेट पे केटरीना बना दी थी..!!
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होंठ जल गए करेंट से.!!


ऐसे होते हैं लड़के --> "दिमाग से पैदल"

Friday, 15 January 2016

Dil se roye - दिल से रोये


दिल से रोये मगर होठों से मुस्कुरा बैठे
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे
वो हमें एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार कर
और हम उनके लिए जिंदगी लुटा बैठे

क्यों करता है भारतीय समाज बेटियों की इतनी परवाह



क्यों करता है भारतीय समाज बेटियों की इतनी परवाह...

एक संत की कथा में एक बालिका खड़ी हो गई।
चेहरे पर झलकता आक्रोश...


संत ने पूछा - बोलो बेटी क्या बात है?

बालिका ने कहा- महाराज हमारे समाज में लड़कों को हर प्रकार की आजादी होती है।
वह कुछ भी करे, कहीं भी जाए उस पर कोई खास टोका टाकी नहीं होती।
इसके विपरीत लड़कियों को बात बात पर टोका जाता है।
यह मत करो, यहाँ मत जाओ, घर जल्दी आ जाओ आदि।

संत मुस्कुराए और कहा...

बेटी तुमने कभी लोहे की दुकान के बाहर पड़े लोहे के गार्डर देखे हैं?
ये गार्डर सर्दी, गर्मी, बरसात, रात दिन इसी प्रकार पड़े रहते हैं।
इसके बावजूद इनका कुछ नहीं बिगड़ता और इनकी कीमत पर भी कोई अन्तर नहीं पड़ता।
लड़कों के लिए कुछ इसी प्रकार की सोच है समाज में।

अब तुम चलो एक ज्वेलरी शॉप में।
एक बड़ी तिजोरी, उसमें एक छोटी तिजोरी।
उसमें रखी छोटी सुन्दर सी डिब्बी में रेशम पर नज़ाकत से रखा चमचमाता हीरा।
क्योंकि जौहरी जानता है कि अगर हीरे में जरा भी खरोंच आ गई तो उसकी कोई कीमत नहीं रहेगी।

समाज में बेटियों की अहमियत भी कुछ इसी प्रकार की है।
पूरे घर को रोशन करती झिलमिलाते हीरे की तरह।
जरा सी खरोंच से उसके और उसके परिवार के पास कुछ नहीं बचता।
बस यही अन्तर है लड़कियों और लड़कों में।

पूरी सभा में चुप्पी छा गई।
उस बेटी के साथ पूरी सभा की आँखों में छाई नमी साफ-साफ बता रही थी लोहे और हीरे में फर्क.....!

मजा ही कुछ और है !!

चोरी से फल फूल तोड़ने का
ख़राब टीउब लाइट और मटके फोड़ने का
पड़ोसियों को घूर घूर देखने का
अपने कचरों का दुसरे के घर फेंकने का
बाथरूम में बेसुरा गाने का
और थूक से टिकट चिपकाने का ------- मजा ही कुछ और है !!
पान और गुटके को इधर उधर पिचकाने का
फटा हुआ नोट आरती में चढाने का
चाटवाले से बार बार चटनी डलवाने का
ससुराल में साले से पान मंगवाने का
साली के पीठ पर धौल ज़माने का
और पत्नी को रोज परेशान करने का ------- मजा ही कुछ और है !!

बीवी से झगडे करने के फायदे



बीवी से झगडे करने के फायदे
1.नींद में कोई व्यवधान नहीं आता:
"सुन रहे हो क्या, लाइट बंद करो, पंखा चालू करो, इधर मुह करो" टाइप बातें बन्द

2. पैसे की बचत होती है:
जब तक बीवी से झगड़ा हुआ रहता है इस दौरान बीवी पैसे नहीं मांगती...


3. तनाव से मुक्ति मिलती है :
झगड़े के दौरान बातचीत बंद रहती है, जिससे किचकिच कम होती है और पति तनाव से मुक्त रहता है।

4. आत्मनिर्भरता आती है:
झगड़े के बाद छोटे मोटे काम (जैसे खुद ही पानी लेना, अपने लिए खुद ही चाय बनाना) खुद कर के आदमी आत्मनिर्भर हो जाता है

5.काम में व्यवधान नहीं होता:
झगडे के दौरान ऑफिस में आपको बीवी के फ़ालतू कॉल नहीं आते, जिससे काम में ध्यान केंद्रित रहता है...

6. घर जल्दी जाने की चिंता से मुक्ति मिल जाती है:
एक बार झगड़ा हो जाने के बाद आप कुछ दिन तक जल्दी घर जाने की चिंता से दूर रहते है।

7. आप का मूल्य बढ़ता है:
झगड़े के दौरान आप बीवी को आसानी से उपलब्ध नहीँ होते जिसके चलते उसे आपके मूल्य का अहसास होता है।

8. प्यार बढ़ता है:
आपस में झगडे से प्यार बढ़ता है, क्योकि अक्सर देखा गया है एक बार बारिश हो जाए तो मौसम सुहाना हो जाता है।

thakur



ठाकुर स्कूटर पर , स्कूटर 80 पर ,
ठाकुर बुलेट पर , बुलेट 100 पर ,
ठाकुर अल्टो पर , अल्टो 110 तपर ,
ठाकुर जीप पे , जीप 120 पे ,

फिर ????

फिर क्या ???

ठाकुर एम्बुलेंस पे , एम्बुलेंस 130 पे 

रहेगा ठाकुर स्पीड मे ही !!

Bank loan



बैंक से फोन आया और मुझसे कहा कि आप 6000/रू महीना भरते रहो, रिटायर मेंट के वक्त आपको 1 करोड़ मिलेंगे।
;

.
मैंने कहा – प्लान को उल्टा कर दो।
.
आप मुझे अभी 1 करोड़ रू दे दो। फिर हर महीने 12000/रू लेते रहना मेरे मरने तक।
बैक वालों ने फोन काट दिया।
.
मैंने कुछ गलत कहा क्या…

जरूरत



दुनियां से बात करने के लिये फोन की जरूरत होती है !
और प्रभु से बात करने के लिये मौन की जरूरत होती है।।

फोन से बात करने पर बिल देना पड़ता है ,
और ईश्वर से बात करने पर दिल देना पड़ता है।


"माया" को चाहने वाला, "बिखर" जाता है."
भगवान को चाहने वाला, "निखर" जाता है..

🌹🌹🌹🌹

'रिश्ते’ और ‘रास्ते’ के बीच,
एक अजीब रिश्ता होता है।
कभी 'रिश्तों'से 'रास्ते'मिल जाते है,
और
कभी 'रास्तो' में 'रिश्ते' बन जाते हैं!
इसीलिए चलते रहिये और रिश्ते
निभाते रहिये .......
खुशियाँ तो चन्दन की तरह होती हैं, दुसरे के
माथे पे लगाओ तो अपनी उंगलियाँ भी महक
जाती हैं।।

Thursday, 14 January 2016

aadhunik shiksha


Dont worry be happy


दो पागल



दो पागल पागलखाने मे बनाए गए तालाब के किनारे टहल रहें थे

,

अचानक उसमे से एक पागल फिसलकर तालाब में गिर गया

,
तो दुसरे पागल ने उसे बचा लिया ,
,
डाक्टर ये सब देखकर खुश हुए और दुसरे दिन उस पागल को बुलाया
,
और कहा भाई तुम्हारे लिए दो खबर है अच्छी और बुरी पहले कौन सी सुनोगे
,
पागल: अच्छी
,
डा,: ये है की तुमने अपने साथी को बचाकर साबित कर दिया के तुम ठीक हो गए हो और अब तुम घर जा रहे हो।
,
पागल': और बुरी?
,
डा,: बुरी ये की जिसको तुमने बचाया था उसने फासी पे लटकर आत्महत्या कर ली।
,
पागल: अरे उसने नही ! मैने ही उसे लटका दिया था।।।
,
डा,: क्यों?????
,
पागल,: पानी मे गिरकर वो गीला हो गया था सुखाने के लिए !

शायरी, दर्द भरे शायरी

मेरी ज़रुरत और ख्वाहिश दोनों तुम हो ..!
और
अगर रब की कभी मेहरबानी हुई ...
तो कोई एक तो पूरी होगी

laut aao

Nahi chor sakte ham doosron ke haatho me tum ko,
Wapis laut aao na ke ham abhi tak tumhare hai...

मकर संक्रांति

मीठे गुड़ मे मिल गयीं तिल, उडी़ पतंग और मिल गये दिल , हर पल सुख और हर दिन शांति , आपके लिए शुभ मकर संक्रान्ति
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मकर संक्रांति :
देवताओं का प्रभात काल भारत में हर पर्व पूरी श्रद्धा, आस्था, उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। पर्व और त्योहार हर राष्ट्र की संस्कृति और सभ्यता को उजागर करते हैं। यहां पर पर्व, त्योहार और उत्सव हर प्रदेश में अलग-अलग ढंग से मनाए जाते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना 'मकर संक्रांति' कहलाता है। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा गया है। इस तरह मकर संक्रान्ति एक तरह से देवताओं का प्रभात काल है। इस दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध और अनुष्ठान वगैरह का अधिक महत्व है। कहते हैं कि इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है। मकर संक्रान्ति के दिन गंगाजल सहित शुद्ध जल से स्नानादि के के बाद भगवान चतुर्भुज का पुष्प-अक्षत और कई द्रव्यों के अध्र्य सहित पूजन करके मंत्र जप विष्णु सहस्त्र नाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इस दिन धृत, तिल, कंबल और खिचड़ी के दान का विशेष महत्व है। इसका दान करने वाला संपूर्ण भोगों को भोगकर मोक्ष को प्राप्त होता है।
गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर तीर्थ राज प्रयाग में 'मकर संक्रांति' पर्व के दिन सभी देवी-देवता अपना स्वरूप बदल कर स्नान के लिए आते हैं। वैसे हर साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाता है लेकिन इस बार चूंकि सूर्यदेव 14 जनवरी की रात की मध्यरात्रि के बाद 1.26 बजे ही मकर राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए संक्रांति का पर्व अगले दिन यानी 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा। खगोल शास्त्रियों के अनुसार इस दिन सूर्य अपनी कक्षाओं में परिवर्तन कर दक्षिणायन से उत्तर होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिस राशि में सूर्य की कक्षा का परिवर्तन होता है, उसे 'संक्रमण' या 'संक्रांति' कहा जाता है।
हमारे धर्म ग्रंथों में स्नान को पुण्यजनक के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक माना जाता है। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं, गरम मौसम आरंभ होने लगता है, इसलिए उस समय स्नान सुखदायी लगता है।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मकर-संक्रान्ति के दिन सूर्य के एक राशि में दूसरी राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन माना जाता है। मकर संक्रान्ति से दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होगा और रात्रि छोटी होने से अंधकार की अवधि कम होगी।

ज़रुरत और ख्वाहिश

मेरी ज़रुरत और ख्वाहिश दोनों तुम हो ..!
और
अगर रब की कभी मेहरबानी हुई ...
तो कोई एक तो पूरी होगी

मुह कुत्ते जैसा ही है

ऐम्प्लॉय :-सर शर्ट अच्छी लग रही है आप पे…..!
मनेजर :- छुट्टी नहीं मिलेंगी…!
एम्प्लॉय : सर सिर्फ शर्ट अच्छी लग रही है मुह वैसा ही है कुत्ते जैसा……!


 

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