Thursday, 14 January 2016

ज़रुरत और ख्वाहिश

मेरी ज़रुरत और ख्वाहिश दोनों तुम हो ..!
और
अगर रब की कभी मेहरबानी हुई ...
तो कोई एक तो पूरी होगी

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