Wednesday, 28 December 2016

Memori of childhood - बचपन की यादें



: बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...


वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...


आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...


खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...


शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊👍


जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था...
जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था... !!

जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी...


आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है... !!


कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था...


आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना पसंद है... !!!


स्कूल में जिनके साथ ज़गड़ते थे, आज उनको ही इंटरनेट पे तलाशते है... !!


ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है...
बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...


काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल..


.काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...!!




👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀


✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜


👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥




👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |




🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲




🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |




🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |




🍰🎂🍧🏆🎉🎁 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |


🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |




🎭 सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?




और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡




🎒🎐ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो💕




भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...


मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔


वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी..🌊🌊🌊
Bachpan ki storyes 🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽




Old hits



बचपन कि ये लाइन्स .
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे ..
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!




▶ मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जायेगी
बाहर निकालो मर जायेगी।


***********


▶ आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।


************


▶ आज सोमवार है,
चूहे को बुखार है।
चूहा गया डाक्टर के पास,
डाक्टर ने लगायी सुई,
चूहा बोला उईईईईई।


**********


▶ झूठ बोलना पाप है,
नदी किनारे सांप है।
काली माई आयेगी,
तुमको उठा ले जायेगी।


**********


▶ चन्दा मामा दूर के,
पूए पकाये भूर के।
आप खाएं थाली मे,
मुन्ने को दे प्याली में।


**********


▶ तितली उड़ी,
बस मे चढी।
सीट ना मिली,
तो रोने लगी।
ड्राईवर बोला,
आजा मेरे पास,
तितली बोली ” हट बदमाश “।


****************


▶ मोटू सेठ,
पलंग पर लेट ,
गाडी आई,
फट गया पेट


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😍😄😘😝👊👌👏👍🙏
आज सब अपना बचपन याद करो और अपने मित्र
को send kare

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