डॉक्टर के सामने पति - पत्नी बैठे थे । पत्नी गर्भवती ।
"डॉक्टर,हमें बेटी नहीं चाहिए" पति ने कहा ।
"आप को कैसे पता, बेटी ही है?" - डॉक्टर
"आप ने तो टेस्ट करने से भी मना कर दिया था तो हम पड़ोस के राज्य में एक सोनोग्राफी सेंटर पर टेस्ट करवा के आए । " पति ने जवाब दिया ।
"तो वहीं अबॉरशन क्यूँ नहीं किया? - डॉक्टर
"वहाँ वो सुविधा उपलब्ध नहीं थी। हाँ, एक पता तिया था उन्होने, लेकिन वे बहुत मांग रहे थे, तो सोचा आप परिचय के हैं , लाख के बदले हजारों में कम हो जाएगा ।" पति का सपाट जवाब ।
"मैं कसाई लग रहा हूँ आप को? " आवाज पर संयम रखते हुए डॉक्टर ने पूछा । "पहली बेटी ही है आप को !"
"हाँ, इसीलिए तो दूसरी बेटी नहीं चाहिए । दूसरा बेटा ही चाहिए हमें । दो बेटियाँ नहीं चाहिए " अब तक चुप बैठे पत्नी ने मुंह खोला ।
डॉक्टर ने माँ के गोद में बैठे बच्ची को देखा। मासूम चेहरा, नाचती हुई आँखें, चेहरे पर बाल सुलभ मुस्कान । नजर से नजर मिलते ही गुड़िया हँसकर उनके गोद में कूद गई । छोटी सी जान को डॉक्टर ने प्यार से बाहों मे भर लिया।
डॉक्टर से कोई जवाब न आता देख कर बच्ची के पिता ने कहा, "फीस बराबर देंगे हम, और कुछ भी हो, आप का नाम नहीं लेंगे कहीं ।
डॉक्टर की आँखें चमक उठी । उस होनेवाले बच्चे के माँ बाप से बोले - "पक्का मन बना लिया है ना आप ने? क्या सच में आप को दो बेटियाँ नहीं चाहिए? सोचिए फिर से !"
पति ने जवाब दिया - "हाँ, पक्का ही मन बना लिया है । दो बेटियाँ नहीं चाहिए ।"
"फिर ठीक है, माँ के पेट में है उसे रहने देते हैं, इस पहली बच्ची को मैं मार देता हूँ, ताकि आप को एक ही बेटी रह जाएगी । " यूं कहते टेबलपर से छुरी उठाकर डॉक्टर ने बच्ची के गले को छूयाई ।
और बच्ची की माँ ज़ोर से चीखी, "रुकिए डॉक्टर, क्या कर रहे हैं आप? आप डॉक्टर हैं या कसाई?"
छुरी वापर ट्रे में रखकर डॉक्टर मंद मुस्कुराते दोनों को देख रहे थे । बच्ची उनके गोद में बैठी खेल रही थी ।
दो ही क्षण शांतता रही और पति-पत्नी को बात समझ में आई । शर्मिंदगी से सर झुक गए, बस इतना ही बोल पाये कि हमें माफ कीजिएगा, कसाई होने चले थे। गलती समझ में आयी ।
बेटी को लेकर वे केबिन से बाहर निकल रहे थे तो डॉक्टर ने रोका ।
"रुकिए। एक बात कहनी रह गई थी । हमारे पेशे में भी कुछ राक्षस हैं, दुख की बात है । लेकिन कुछ तो इतने नीच हैं कि सोनोग्राफी में बेटा दिख गय
"डॉक्टर,हमें बेटी नहीं चाहिए" पति ने कहा ।
"आप को कैसे पता, बेटी ही है?" - डॉक्टर
"आप ने तो टेस्ट करने से भी मना कर दिया था तो हम पड़ोस के राज्य में एक सोनोग्राफी सेंटर पर टेस्ट करवा के आए । " पति ने जवाब दिया ।
"तो वहीं अबॉरशन क्यूँ नहीं किया? - डॉक्टर
"वहाँ वो सुविधा उपलब्ध नहीं थी। हाँ, एक पता तिया था उन्होने, लेकिन वे बहुत मांग रहे थे, तो सोचा आप परिचय के हैं , लाख के बदले हजारों में कम हो जाएगा ।" पति का सपाट जवाब ।
"मैं कसाई लग रहा हूँ आप को? " आवाज पर संयम रखते हुए डॉक्टर ने पूछा । "पहली बेटी ही है आप को !"
"हाँ, इसीलिए तो दूसरी बेटी नहीं चाहिए । दूसरा बेटा ही चाहिए हमें । दो बेटियाँ नहीं चाहिए " अब तक चुप बैठे पत्नी ने मुंह खोला ।
डॉक्टर ने माँ के गोद में बैठे बच्ची को देखा। मासूम चेहरा, नाचती हुई आँखें, चेहरे पर बाल सुलभ मुस्कान । नजर से नजर मिलते ही गुड़िया हँसकर उनके गोद में कूद गई । छोटी सी जान को डॉक्टर ने प्यार से बाहों मे भर लिया।
डॉक्टर से कोई जवाब न आता देख कर बच्ची के पिता ने कहा, "फीस बराबर देंगे हम, और कुछ भी हो, आप का नाम नहीं लेंगे कहीं ।
डॉक्टर की आँखें चमक उठी । उस होनेवाले बच्चे के माँ बाप से बोले - "पक्का मन बना लिया है ना आप ने? क्या सच में आप को दो बेटियाँ नहीं चाहिए? सोचिए फिर से !"
पति ने जवाब दिया - "हाँ, पक्का ही मन बना लिया है । दो बेटियाँ नहीं चाहिए ।"
"फिर ठीक है, माँ के पेट में है उसे रहने देते हैं, इस पहली बच्ची को मैं मार देता हूँ, ताकि आप को एक ही बेटी रह जाएगी । " यूं कहते टेबलपर से छुरी उठाकर डॉक्टर ने बच्ची के गले को छूयाई ।
और बच्ची की माँ ज़ोर से चीखी, "रुकिए डॉक्टर, क्या कर रहे हैं आप? आप डॉक्टर हैं या कसाई?"
छुरी वापर ट्रे में रखकर डॉक्टर मंद मुस्कुराते दोनों को देख रहे थे । बच्ची उनके गोद में बैठी खेल रही थी ।
दो ही क्षण शांतता रही और पति-पत्नी को बात समझ में आई । शर्मिंदगी से सर झुक गए, बस इतना ही बोल पाये कि हमें माफ कीजिएगा, कसाई होने चले थे। गलती समझ में आयी ।
बेटी को लेकर वे केबिन से बाहर निकल रहे थे तो डॉक्टर ने रोका ।
"रुकिए। एक बात कहनी रह गई थी । हमारे पेशे में भी कुछ राक्षस हैं, दुख की बात है । लेकिन कुछ तो इतने नीच हैं कि सोनोग्राफी में बेटा दिख गय