Monday 22 May 2017

और महिला जो घर में अकेली है... दरवाज़ा खोलती है..

एक फ्लैट में घंटी बजती है,
😁😁
और महिला जो घर में अकेली है...
दरवाज़ा खोलती है...
😀😀
भिक्षुक: "माई, भिक्षा दे।"😀😀

महिला:"ले लो, महाराज..."

भिक्षुक:"माई..., ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।"
😛😛😛😛
वह द्वार पार करके बाहर आती है।

भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ) :
"हा... हा... हा...
मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !"
😛😛
महिला:
"हा... हा... हा...
मैं कहा सीता हूं,
कामवाली बाई हूँ।" 
😛😛😛
रावण :
"हा..हा..हा..
सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं, 
तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जायेगी। उसे भी कामवाली बाई की ही ज़रूरत है..."
😛😛😛
महिला :
"हा...हा... हा...
पगले, सीता को ढूंढने सिर्फ राम आऐ थे ...

मुझे ढुंढने सारी सोसायटी आएगी।"

😝😝😝😝😜😜😜

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