कभऊँ गांव में आकें देखौ
थोरे दिना बिता कें देखौ
गाँवन वारीं दुःख तकलीफें
थोरी भौत उठा कें देखौ
रोटी है तिरकारी नईंयाँ
रूखी-सूकी खाकेँ देखौ
एक मील सें हैण्डपम्प सें
पानी तनक ल्या कें देखौ
रात-रात भर तक फसलन में
पानी तनक बहा कें देखौ
मौड़ा-मौड़ी खौं गाँवन में
भैया तनक पढ़ा कें देखौ
अस्पताल है आठ कोस पै
रोगी खौं लै जाकें देखौ
भोरई होत दूध चाय खों
गईयाँ भैस लगा कै देखो
बातें करवौ भौत सरल है
तनक गाँव में आकें देखौ
थोरे दिना बिता कें देखौ
गाँवन वारीं दुःख तकलीफें
थोरी भौत उठा कें देखौ
रोटी है तिरकारी नईंयाँ
रूखी-सूकी खाकेँ देखौ
एक मील सें हैण्डपम्प सें
पानी तनक ल्या कें देखौ
रात-रात भर तक फसलन में
पानी तनक बहा कें देखौ
मौड़ा-मौड़ी खौं गाँवन में
भैया तनक पढ़ा कें देखौ
अस्पताल है आठ कोस पै
रोगी खौं लै जाकें देखौ
भोरई होत दूध चाय खों
गईयाँ भैस लगा कै देखो
बातें करवौ भौत सरल है
तनक गाँव में आकें देखौ