Tuesday, 27 December 2016

Quotation - दूध को दुखी करो तो दही बनता है|



दूध को दुखी करो तो दही बनता है|
दही को सताने से मक्खन बनता है|
मक्खन को सताने से घी बनता है|
दूध से महंगा दही है,दही से महंगा मक्खन है,और मक्खन से महंगा घी है|
किन्तु इन चारों का रंग एक ही है सफेद|
इसका अर्थ है बाऱ- बार दुख और संकट आने पर भी जो इंसान अपना रंग नहीं बदलता,समाज में उसका ही मूल्य बढ़ता है|

👉🏻 दूध उपयोगी है किंतु एक ही दिन के लिए, फिर वो खराब हो जाता है....!!
👉🏻 दूध में एक बूंद छाछ डालने से वह दही बन जाता है जो केवल दो और दिन टिकता है....!!
👉🏻 दही का मंथन करने पर मक्खन बन जाती है, यह और तीन दिन टिकता है....!!
👉🏻 मक्खन को उबालकर घी बनता है, घी कभी खराब नहीं होता....!!
👉🏻 एक ही दिन में बिगड़ने वाले दूध में कभी नहीं बिगड़ने वाला घी छिपा है....!!
👉इसी तरह आपका मन भी अथाह शक्तियों से भरा है, उसमें कुछ सकारात्मक विचार डालो अपने आपको मथो अर्थात चिंतन करो....अपने जीवन को और तपाओ और तब देखना
आप कभी हार नहीं मानने वाले सदाबहार व्यक्ति बन जाओगे....!!

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