खुद का.......
*ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है,*
ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है.....
*इस दुनिया की भीड़ में चलने से तो बेहतर,*
ख़ुद के साथ में घूमने जाओ तो अच्छा है....
*अपने घर के रोशन दीपक देख लिए अब,*
ख़ुद के अन्दर दीप जलाओ तो अच्छा है.....
*तेरी ,मेरी इसकी उसकी छोडो भी अब,*
ख़ुद से ख़ुद की शक्ल मिलाओ तो अच्छा है....
*बदन को महकाने में सारी उम्र काट ली,*
रूह को अब अपनी महकाओ तो अच्छा है....
*दुनिया भर में घूम लिए हो जी भर के अब,*
वापस ख़ुद में लौट के आओ तो अच्छा है....
*तन्हाई में खामोशी के साथ बैठ कर*,
ख़ुद को ख़ुद की ग़ज़ल सुनाओ तो अच्छा है I
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