एक बार एक ताऊ प्लेन से लन्दन जा रहा था,बगल में एक अंग्रेज बैठा हुआ था !
ताऊ ने अंग्रेज से पूछा – "आप क्या करते हो ?"
अंग्रेज – "मैं एक साईंटिस्ट हूँ… और आप ?"
ताऊ – "मैं इंजीनियर हूँ !"
अंग्रेज – "वाओ इंजीनियर … क्या हम किसी टॉपिक पर बात कर सकते हैं ?"
ताऊ – "बिलकुल !"
अंग्रेज – "अच्छा, तुम मुझे न्यूक्लियर पावर के बारे में कुछ बताओ"
ताऊ ये सुनकर चुप रह गया !
अंग्रेज -ओह !!! तो तुम नहीं जानते ?"
ताऊ – "जानता तो हूँ लेकिन तुम पहले मेरे एक question का answer दो"
अंग्रेज – "हम्म पूछो .. "
ताऊ – "मंदिर में भी घंटा होता है और चर्च में भी घंटा होता है, तो फिर
चर्च का घंटा मंदिर के घंटे से बड़ा क्यों होता है ..?"
अंग्रेज कुछ देर सोचता रहा फिर बोला – "मैं नहीं जानता"
ताऊ -ने एक दिया खीच के कान के निचे और बोला "अबे साले .. पता तुझे घंटे का भी नहीं है और बातें न्यूक्लियर पावर की करे है !!
ताऊ ने अंग्रेज से पूछा – "आप क्या करते हो ?"
अंग्रेज – "मैं एक साईंटिस्ट हूँ… और आप ?"
ताऊ – "मैं इंजीनियर हूँ !"
अंग्रेज – "वाओ इंजीनियर … क्या हम किसी टॉपिक पर बात कर सकते हैं ?"
ताऊ – "बिलकुल !"
अंग्रेज – "अच्छा, तुम मुझे न्यूक्लियर पावर के बारे में कुछ बताओ"
ताऊ ये सुनकर चुप रह गया !
अंग्रेज -ओह !!! तो तुम नहीं जानते ?"
ताऊ – "जानता तो हूँ लेकिन तुम पहले मेरे एक question का answer दो"
अंग्रेज – "हम्म पूछो .. "
ताऊ – "मंदिर में भी घंटा होता है और चर्च में भी घंटा होता है, तो फिर
चर्च का घंटा मंदिर के घंटे से बड़ा क्यों होता है ..?"
अंग्रेज कुछ देर सोचता रहा फिर बोला – "मैं नहीं जानता"
ताऊ -ने एक दिया खीच के कान के निचे और बोला "अबे साले .. पता तुझे घंटे का भी नहीं है और बातें न्यूक्लियर पावर की करे है !!