खतरनाक -
कुछ दिन पहले मेरे पास एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई ।
यह किसी जिया शर्मा के नाम से थी ।
अमूमन मेरे पास पुरुषों की रिक्वेस्ट तो आती रहती हैं...
मगर इस बार एक सुकन्या ने रिक्वेस्ट भेजी थी सो चौंकना स्वभाविक था ।
एक्सैप्ट करने से पहले मैने आदतन उसकी प्रोफाइल को चैक किया
तो पता चला अभी तक उसकी मित्रता सूची में कोई भी नहीं है ।
शक हुआ कि कहीं कोई फेक तो नहीं है ।
फिर सोचा नहीं...., हो सकता है फेसबुक ने इस यूजर को नया मानते हुए इसे मेरे साथ मित्रता करने के लिए suggest किया हो ।
प्रोफाइल फोटो नदारद देखकर मैनें अंदाजा लगाया शायद नई है
और उसे फोटो अपलोड करनी नहीं आती या फिर वो संकोची हो सकती है ...anyway मैनें उसे add कर लिया ।
सबसे पहले उसकी ओर से धन्यवाद आया फिर मेरे हर status को लाईक और कमेंटस मिलने शुरू हो गए ।
मैं अपने इस नए कद्रदान को पाकर बेहद खुश हुआ, सिलसिला आगे बढ़ा और अब मेरी निजी जिंदगी से संबधित कमेंटस आने लगे । मेरी पसंद नापसंद को पूछा जाने लगा ।
अब वो कुछ रोमांटिक सी शायरी भी पोस्ट करने लगी थी.
एक दिन मोहतरमा ने पूछा : क्या आप अपनी बीवी से प्यार करते हैं ?
मैनें झट से कह दिया : हाँ.
वो चुप हो गई ।
अगले दिन उसने पूछा : क्या आपकी मैडम सुंदर है ?
इस बार भी मैने वही जवाब दिया : हाँ बहुत सुंदर है.
अगले दिन वो बोली : क्या आपकी बीवी खाना अच्छा बनाती है ?
बहुत ही स्वादिष्ट मैनें जवाब दिया ।
फिर कुछ दिन तक वो नजर नहीं आई ।
अचानक कल सुबह उसने मैसेज बाक्स में लिखा
मैं आपके शहर में आई हूँ...क्या आप मुझसे मिलना चाहेंगे ?
मैनें कहा : श्योर...तो ठीक है आ जाइये ओम सिने गार्डन में मिल भी लेंगे और मूवी भी देख लेंगे
मैनें कहा - नहीं मैडम आप आ जाइये...मेरे घर पर, मेरे बीवी बच्चे आपसे मिलकर खुश होंगे...मेरी बीवी के हाथ का खाना भी खाकर देखियेगा ।
बोली : नहीं, मैं आपकी मैडम के सामने नहीं आऊँगी, आपने आना है तो आ जाओ ।
मैंने उसे अपने यहाँ बुलाने की काफी कोशिश की मगर वो नहीं मानी ।
वो बार बार अपनी पसंद की जगह पर बुलाने की जिद पर अड़ी थी और मैं उसे अपने यहाँ ।
वो झुंझला उठी और बोली : ठीक है मैं वापिस जा रही हूँ । तुम डरपोक अपने घर पर ही बैठो ।
मैनें फिर उसे समझाने का प्रयास किया और सार्वजनिक स्थल पर मिलने के खतरे गिनायें पर वो नहीं मानी ।
हार कर मैंने कह दिया...
मुझसे मिलना है तो मेरे परिवार वालों के सामने मिलो नहीं तो अपने घर जाओ ।
वो ऑफलाइन हो गई ।
शाम को घर पहुँचा,तो डायनिंग टेबल पर लज़ीज खाना सजा हुआ था ।
मैनें पत्नी से पूछा... कोई आ रहा है क्या खाने पर ?
हाँ, जिया शर्मा आ रही है ।
व्हाट ? मेरे शरीर मे सिहरन दौड गई !! वो तुम्हें कहाँ मिली ? तुम उसे कैसे जानती हो ?
"तसल्ली रखिये साहब, वो जिया मैं ही थी, आप मेरे जासूसी मिशन के दौरान परीक्षा में पास हुए."
आओ मेरे सच्चे हमसफर, खाना खायें, ठंडा हो रहा है ।
अब जाकर सिहरन दुर हुई है।