Friday, 9 June 2017

motivational story - सात साल का बेटा अपने पिता से बोला

पिता शाम को ऑफिस से लौट कर घर आये तो उनका सात साल का बेटा अपने पिता से बोला पापा आप एक घंटे मैं कितना कमा लेते हो ? पापा बोले 100 रूपये. बेटा बोला पापा मुझे 50 रूपये उधार दे दो. पापा गुस्से मै बोले तुमको इससे क्या करना, बेकार सा कोई खिलोंना लोगे, तुमको पता है मैं कितनी मेहनत से ये कमाता हूँ तुम अपनी पडाई पर ध्यान दो और उसको चुप करा दिया . बच्चे ने चुपचाप ड़ीनर किया और सो गया . कुछ देर बाद पिता का गुस्सा शांत हुआ तो उसने सोचा कहीं मैने बेटे को यूं ही तो नहीं डांट दिया क्या पता उसको सच मैं किसी और काम के लिये पैसों की अवश्यकता हो और वो बच्चे के कमरे मै गया और बेटे से पुछा क्या तुम सो गये, बेटा बोला नहीं पापा . उसने बेटे के सर पे हाथ रखा और बोला ये लो 50 रूपये. बेटा बहुत खुश हुआ और भाग कर अपनी अल्मारी के पास पहुँचा और उसमे से सिक्के निकाले जो उसने जमा किये थे और उनंको गिंनने लगा, ये देख कर पापा को फिर गुस्सा आया और बोला तुमहारे पास इतने पैसे तो हैं फिर मुझसे क्यों मांगे, क्या करोगे इतने पैसों का ? पापा उसे फिर डांठने लगे . बेटा बोला पापा मैं इंन पैसों से कोई खिलोंना नहीं खरीदुंगा . मेरे पास 50 रूपये थे और मैने 50 रूपये आपसे उधार मांगे ये सब मैं कल सुबह आपको दुंगा, पापा मैं आपको आपकी पूरे दिन की सेलेरी तो नहीं दे सकता पर आपसे आपका एक घंटा मांगता हूँ , जो मैं आपके साथ बिताना चाहता हूँ , मैं आपके साथ खेलना चाहता हूँ , आपसे लडना चाहता हूँ , आपको प्यार करना चाहता हूँ.
ये हसरतें एक उसी बेटे की नहीं हैं, अमुमन हर उस बेटे और बेटी की हैं जिनके मां या बाप इस कदर बिजी हैं अपनी दुनिया मैं , पैसा कमाने मैं , एक दुसरे से आगे निकलने की होड मैं.
कहीं ऐसा ना हो जाये की हम उस मुकाम पर पहुँचकर ये सोचें की हमारे पास अब सब कुछ है पर रिस्ते कही छूट गये हमारे अपने कही दूर हो गये ..........

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