Friday, 12 May 2017

*परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,* *पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*

*पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर समझ आया,*

*कि..*

*परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,* 
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*

*वर्ना ये दुनिया जब टूटने पर भगवान को घर से निकाल सकती है तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है..✍*

*🙏🏻🌷सुप्रभात🌷🙏🏻*



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अपना ग्रूप भी... 
*आँगन वाड़ी* जैसा हो गया है...
.
.
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कुछ ही👦🏻 बच्चे पढ़ते-लिखते हैं...📩

बाकियों ने खाली... 
*दलिया* 🍚के लालच😋 में... रजिस्टर में नाम लिखवाया हुआ है...!!
😝😝😝😜😛😜😜😜😜😛

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