Friday, 26 May 2017

छुट्टा तो है नहीं हमारे पास..

रेलवे टिकट खिड़की पर:
यात्री: सर दिल्ली से लखनऊ का एक रिजर्व टिकट चाहिए....
क्लर्क: 750 रुपये
ग्राहक: पर पहले तो 400/- था
क्लर्क: सोमवार को 400/- है,
मंगल बुध गुरु को 600/- 
शनिवार को 700
तुम संडे को जा रहे हो तो 750
ग्राहक : ओह! अच्छा लोवर दीजियेगा, पिताजी को जाना है 
क्लर्क : फिर 50 रुपये और लगेंगे….
ग्राहक : अरे! लोवर के अलग! साइड लोवर दे दीजिए न….
क्लर्क: उसके 25 रुपये और लगेंगे....
ग्राहक: हद है, न टॉयलेट में पानी होता है न कोच में सफ़ाई, किराया बढ़ता जा रहा है...
क्लर्क: टॉयलेट यूज का 50 रुपये और लगेगा,
शूगर तो नहीं है न?
24 घंटे में 4 बार यानी रात भर में
2 बार से ज़्यादा जाएंगे तो हर बार 10 रुपये एक्स्ट्रा.......
ग्राहक: हैं! अब रेलवे हगने मूतने का भी पैसा लेगा!
और बता दो भाई, किस किस बात के पैसे लगने हैं एक्स्ट्रा..........
क्लर्क: देखो भाई, अगर फोन चार्ज करोगे तो 10 रुपये प्रति घंटा
अगर खर्राटे आएंगे तो 25 रुपये प्रति घंटा
अगर किसी सुन्दर महिला के पास सीट चाहिए तो 100 रुपये का चार्ज है
अगर कोई महिला आसपास कोई खडूस मर्द नहीं चाहती तो उसे 100 रूपये देना पड़ेगा
एक ब्रीफकेस प्रति व्यक्ति से अधिक लगेज पर 10 रुपये प्रति लगेज
मोबाइल पर गाना सुनने की पररमिशन के लिए 25 रुपये एक मुश्त
घर से लाया खाना खाने पर 20 रुपये का सरचार्ज़
उसके बाद अगर अपानवायु गर्जन हो गया तो 25 रुपये प्रदूषण शुल्क.....
ग्राहक सर पकड़ के : ग़ज़बे है भाई, लेकिन ई सब वसूलेगा कौन...??
क्लर्क: अरे अम्बानी से समझौता हुआ है, उसके आदमी वसूलेंगे.......
ग्राहक: एक आख़िरी बात बताओ
तुम्हें अभी कूटना हो तो कितना लगेगा......
क्लर्क: काहे बेट्टा! हमको बोट दिए थे?
*अब अच्छे दिन आये हैं तो हमको काहे कूटोगे बे?* 
*जिसकी भक्ति की थी उसको कूटो*
और एक सवाल किया तो 10 रूपए अलग से 
3 और पूछो 100 का नोट निकालो
काहे कि छुट्टा तो है नहीं हमारे पास..

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