Wednesday, 31 May 2017

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(एक माँ कश्मीर मे पिटने वाले फौजी बेटे से)
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फोन किया माँ ने बेटे को...
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तूने नाक कटाई है,
तेरी बहना से सब कहते
बुजदिल तेरा भाई है...!!
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ऐसी भी क्या मजबुरी थी...??
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ऐसी क्या लाचारी थी,
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कुछ कुत्तो की टोली कैसे तुम शेरो पर भारी थी...??
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वीर शिवा के वंशज थे तुम...
चाट क्यू ऐसे धूल गए,
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हाथो मे हथियार तो थे...
क्यू उन्हें चलाना भूल गये...??
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गीदड़ बेटा पैदा कर के...
मैने कोख लजाई है,
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तेरी बहना से सब कहते
बुजदिल तेरा भाई है...!!
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(लाचार फौजी अपनी माँ से)
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इतना भी कमजोर नही था...
माँ मेरी मजबूरी थी,
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उपर से फरमान यही था...
चुप्पी बहुत जरूरी थी...!!
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सरकारे ही पिटवाती है...
हमको इन गद्दारो से,
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गोली का आदेश नही है...
दिल्ली के दरबारो से...!!
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गिन-गिनकर मैं बदले लूँगा...
कसम ये मैंने खाई है,
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तू गुड़िया से कह देना...
ना बुजदिल तेरा भाई है...!!

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