Wednesday, 24 May 2017

अपने हर खाब बता दूंगा तुम आओ तो कभी ।

अपने हर खाब बता दूंगा तुम आओ तो कभी ।
तुमको पलकों पे बिठा लूंगा तुम आओ तो कभी ।
क्यूं खफा होके रूठे हो मेरी किस्मत की तरह ।
तेरे हर नाज उठा लूंगा तुम आओ तो कभी ।
छू ले तुमको हवा भी मुझे कुबूल नहीं ।
तुमको आंखों में बसा लूंगा तुम आओ तो कभी ।
तुम नहीं हो तो रौशनी की जरूरत क्या है ।
प्यार की शमां जला लूंगा तुम आओ तो कभी ।
ये कायनात ये नजारे उदास हैं तुम बिन ।
इनको रंगों से सजा लूंगा तुम आओ तो कभी ।
खामोश होके सुनना 'विनय' कहानियां दिल की ।
खुद को अफसाना बना लूंगा तु आओ तो कभी ।

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