शिक्षक- तो बच्चों ,बताओ इस धरती पर प्यार की निशानी कौन सी है??
एक विद्यार्थी- सर राम-सेतु हैं..☺
शिक्षक- अबे ओ RSS वाले संघी, क्या पगला गया है क्या ?
ताजमहल कि जगह राम-सेतू बोल रहा है।
विद्यार्थी- : माफ करना सर... ,पर आप जैसो पर ये मानसिकता थोपी गयी है, ...मैं नही मानता।
जिस ताजमहल को बनाने के लिये सारी प्रजा को लगान कर के नाम पर लूटा गया हो,
२०००० गरीब मजदूरो के हाथ ये कहकर काट दिये गये हो कि ऐसी इमारत फिर दुबारा नहीं बननी चाहिए,..
मुमताज के मरते ही ४ दिनो के भीतर शाहजहाँ ने अपनी साली मुमताज की बहन से दूसरी शादी कर ली,
अरे जिसके हरम मे पहले से ५०० वैश्याए पहले से उसकी अय्यासी के लिए मौजूद है वो क्या प्यार जतायेगा..
अरे प्यार तो भगवान श्री राम का माता जानकी के प्रति था जिसकी शक्ति, जिसके विश्वास में इतनी ताकत थी कि पत्थर भी पानी पर तैरनै लगा, इंसान तो क्या बानर, भालू तक जिसकी मदद करके खुद को धन्य समझने लगे और सेतु बना दिया उफनते समुद्र पर जिसके सहारे श्री राम लंका पहुँचे और उस महाबलशाली रावण का वध किया ।
सर मेरे लिये तो रामसेतू ही सच्चे प्रेम की निशानी है..! बाकी आप जो माने..
जय श्री राम जरुर लिखे अगर पोस्ट पसंद आए तो