हमने पत्नी जी से कहा आज " डॉक्टर्स - डे " है !
पत्नी जी ताना देते हुए बोली :- रोज कोई न कोई डे होता है बस पत्नियों के लिए " आराम - डे " नहीं होता ?
हमने तुरंत बात को मोड़ा और कहा देखो " रोज - डे , मेरिज - डे , किस - डे " इत्यादि - इत्यादि , ये सब दोनों के लिए होते हैं !
तभी पत्नी जी , उछल कर बोली :- " किस - डे " से याद आया ! जरा , चलिए किचन में ?
हम तो ख़ुशी से फूले न समाये , ख़ुशी से चहकते हुए बोले :- प्रिये , किचन में ही क्यूँ ? यहाँ ड्राइंग रूम ...
पत्नी जी ने बात को काटा और बोली :- यहाँ कोई देख लेगा , फिर लोग क्या कहेंगे ??
हम चुपचाप किचन में आये और आशा भरी नजरों से पत्नी की तरफ देखकर पूछा :- हाँ , बताइये ??
पत्नी जी मुस्कुरा कर बोली :- जरा ये आलू " किस " देना , देखो न चिप्स बनाते बनाते मेरे हाथ सूज गए हैं ?
हमारा " किस - डे " तो एडवांस में मन गया , पांच किलो आलू किस दिए !
लेकिन आप क्या सोच रहे थे ??
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इसे कहते है 'सोयाबीन पुलाव'
है तो वेज । पर स्वाद 'नॉन वेज' का आता है ।