दिल को छू जाने वाली कहानी*
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*एक सुनार था,
उसकी दुकान से मिली हुई
एक लोहार की दुकान थी।*
*सुनार जब काम करता तो
उसकी दुकान से बहुत धीमी आवाज़ आती,
किन्तु जब लोहार काम करता तो
उसकी दुकान से कानों को फाड़ देने वाली
आवाज़ सुनाई देती।*
*एक दिन एक सोने का कण
छिटक कर लोहार की दुकान में आ गिरा।
वहाँ उसकी भेंट लोहार के
एक कण के साथ हुई।*
*सोने के कण ने लोहे के कण से पूछा-
भाई हम दोनों का दुख एक समान है,
हम दोनों को ही एक समान आग में तपाया जाता है और समान रूप ये हथौड़े की चोट सहनी पड़ती है।*
*मैं ये सब यातना चुपचाप सहता हूँ,
पर तुम बहुत चिल्लाते हो, क्यों...???*
*लोहे के कण ने मन भारी करते हुऐ कहा~
तुम्हारा कहना सही है,
किन्तु तुम पर चोट करने वाला हथौड़ा
तुम्हारा सगा भाई नहीं है।*
*मुझ पर चोट करने वाला लोहे का हथौड़ा
मेरा सगा भाई है...!!!*
*...परायों की अपेक्षा अपनों द्वारा दी गई चोट अधिक पीड़ा पहुचाँती है...!!!*