स्त्री क्या है ?????
जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे,तब उन्हें काफी समय लग गया । आज छठा दिन था और स्त्री की रचना अभी भी अधूरी थी। इसलिए देवदूत ने पूछा भगवन्, आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो...?
भगवान ने जवाब दिया, "क्या तूने इसके सारे गुणधर्म (specifications) देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं ?
१. यह सब परिस्थितियों को संभाल सकती है
२. यह सभी बच्चों को संभाल एवं खुश रख सकती है
३. यह अपने प्यार से घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे हुये दिल के घाव भी भर सकती है ।
४. यह सब सिर्फ अपने दो हाथों से कर सकती है।
५. इस में सबसे बड़ा "गुणधर्म" यह है कि बीमार होने पर भी अपना ख्याल खुद रख सकती है एवं 18 घंटे काम भी कर सकती है।
देवदूत चकित रह गया और आश्चर्य से पूछा- "भगवान ! क्या यह सब दो हाथों से कर पाना संभव है ?"
भगवान ने कहा यह स्टैंडर्ड रचना है। (यह गुणधर्म सभी में है )
देवदूत ने नजदीक जाकर स्त्री को हाथ लगाया और कहा, "भगवान यह तो बहुत नाज़ुक है"
भगवान ने कहा हाँ यह बहुत ही नाज़ुक है, मगर मैने इसे बहुत ही स्ट्रांग बनाया है ।
इसमें हर परिस्थिति को संभालने की ताकत है।
देवदूत ने पूछा क्या यह सोच भी सकती है ??
भगवान ने कहा यह सोच भी सकती है और मजबूत हो कर मुकाबला भी कर सकती है।
देवदूत ने नजदीक जाकर स्त्री के गालों को हाथ लगाया और बोला, "भगवान ये तो गीले हैं , लगता है इसमें से लीकेज हो रहा है।"
भगवान बोले, "यह लीकेज नहीं है, यह इसके आँसू हैं।"
देवदूत: आँसू किस लिए ??
भगवान बोले : यह भी इसकी ताकत हैं । आँसू , इसको फरियाद करने , प्यार जताने एवं अपना अकेलापन दूर करने का तरीका है।
देवदूत: भगवान आपकी रचना अद्भुत है । आपने सब कुछ सोच कर बनाया है, आप महान हैं।
भगवान बोले-
यह स्त्री रूपी रचना अद्भुत है । यही हर पुरुष की ताकत है , जो उसे प्रोत्साहित करती है। वह सभी को खुश देखकर खुश रहतीँ है। हर परिस्थिति में हंसती रहती है । उसे जो चाहिए वह लड़ कर भी ले सकती है। उसके प्यार में कोइ शर्त नहीं है (Her love is unconditional) । उसका दिल टूट जाता है जब अपने ही उसे धोखा दे देते हैं । मगर हर परिस्थिति से समझौता करना भी ये जानती है।
देवदूत: भगवान आपकी रचना संपूर्ण है।
भगवान बोले ना, अभी इसमें एक त्रुटि है। "यह अपनी "महत्त्ता" भूल जाती है"
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जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे,तब उन्हें काफी समय लग गया । आज छठा दिन था और स्त्री की रचना अभी भी अधूरी थी। इसलिए देवदूत ने पूछा भगवन्, आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो...?
भगवान ने जवाब दिया, "क्या तूने इसके सारे गुणधर्म (specifications) देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं ?
१. यह सब परिस्थितियों को संभाल सकती है
२. यह सभी बच्चों को संभाल एवं खुश रख सकती है
३. यह अपने प्यार से घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे हुये दिल के घाव भी भर सकती है ।
४. यह सब सिर्फ अपने दो हाथों से कर सकती है।
५. इस में सबसे बड़ा "गुणधर्म" यह है कि बीमार होने पर भी अपना ख्याल खुद रख सकती है एवं 18 घंटे काम भी कर सकती है।
देवदूत चकित रह गया और आश्चर्य से पूछा- "भगवान ! क्या यह सब दो हाथों से कर पाना संभव है ?"
भगवान ने कहा यह स्टैंडर्ड रचना है। (यह गुणधर्म सभी में है )
देवदूत ने नजदीक जाकर स्त्री को हाथ लगाया और कहा, "भगवान यह तो बहुत नाज़ुक है"
भगवान ने कहा हाँ यह बहुत ही नाज़ुक है, मगर मैने इसे बहुत ही स्ट्रांग बनाया है ।
इसमें हर परिस्थिति को संभालने की ताकत है।
देवदूत ने पूछा क्या यह सोच भी सकती है ??
भगवान ने कहा यह सोच भी सकती है और मजबूत हो कर मुकाबला भी कर सकती है।
देवदूत ने नजदीक जाकर स्त्री के गालों को हाथ लगाया और बोला, "भगवान ये तो गीले हैं , लगता है इसमें से लीकेज हो रहा है।"
भगवान बोले, "यह लीकेज नहीं है, यह इसके आँसू हैं।"
देवदूत: आँसू किस लिए ??
भगवान बोले : यह भी इसकी ताकत हैं । आँसू , इसको फरियाद करने , प्यार जताने एवं अपना अकेलापन दूर करने का तरीका है।
देवदूत: भगवान आपकी रचना अद्भुत है । आपने सब कुछ सोच कर बनाया है, आप महान हैं।
भगवान बोले-
यह स्त्री रूपी रचना अद्भुत है । यही हर पुरुष की ताकत है , जो उसे प्रोत्साहित करती है। वह सभी को खुश देखकर खुश रहतीँ है। हर परिस्थिति में हंसती रहती है । उसे जो चाहिए वह लड़ कर भी ले सकती है। उसके प्यार में कोइ शर्त नहीं है (Her love is unconditional) । उसका दिल टूट जाता है जब अपने ही उसे धोखा दे देते हैं । मगर हर परिस्थिति से समझौता करना भी ये जानती है।
देवदूत: भगवान आपकी रचना संपूर्ण है।
भगवान बोले ना, अभी इसमें एक त्रुटि है। "यह अपनी "महत्त्ता" भूल जाती है"
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