Monday 3 July 2017

[[#वर्दी वाला गुंडा----(सत्य घटना पर आधारित)]]

[[#वर्दी वाला गुंडा----(सत्य घटना पर आधारित)]]

नेहा के पति को काम के सिलसिले में अक्सर शहर से बाहर रहना पड़ता है इसलिये वो अपने सभी काम गृहकार्य के अलावा बाहर के भी खुद ही करती है।

ये घटना कुछ साल पहले की है जब उसकी बेटी मात्र एक साल की थी एक दिन गैस खत्म हो गयी वो शहर मे नये थे इसीलिये गैस क्नेक्शन का ट्रांसफर नही हुया था गैस एजेन्सी के मालिक जानकार थे तो उन्होने ऐसे ही गैस ले जाने के लिये कह दिया।

उन दिनो गैस गोदाम शहर से बाहर ना होकर शहर के बीच में ही ओन रोड ही था।

नेहा घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढाती थी उन्ही बच्चों मे से एक 5th क्लास के लड़के को साथ ले गोदाम पर पहुंची,
गोदाम पर 15-20 लोग लाइन में खड़े थे गैस लेने के लिये पास ही एक मोटा पुलिस ऑफीसर भी था पास ही ज़ीप में 5 कॉंस्टेबल और ड्राइवर थे,

जैसे ही नेहा वहाँ जाकर खड़ी हुई तुरंत ही वो मोटा पुलिस ऑफीसर उसके पास आया,

ऑफीसर-----आपको सिलिंडर लेना है ।
नेहा----जी

और नेहा एक तरफ़ लाइन के पास जा कर खड़ी हो जाती है ताकि गैस देने वाले को अपना परिचय दे सके और उसके मलिक से फोन पर गैस देने के लिये कहलवा सके,

लेकिन----
पुलिस ऑफीसर----दे भाई दे मैडम को सिलिंडर दे जल्दी से (साथ ही ना देना का इशारा भी करता है)

गोदाम वाला (डर से गर्दन नीचे करके धीरे से)--- खत्म हो गये।
पुलिस ऑफीसर---- खत्म हो गये कैसे खत्म हो गये में कह रहा हूँ ना मैडम को सिलेंडेर दो
गोदाम वाला---- नहीं है
पुलिस ऑफीसर --- में ले के आता हूँ (फिर वो अंदर जा कर बाहर आता है) मैडम सिलेंडेर खत्म हो गये हैं आप मेरे साथ आओ दिलाता हूँ।

नेहा बिना कुछ बोले बाकी के खड़े लोगो की तरफ़ इस आस से देखती है की शायद इनमें से कोई कुछ बोले,

"पर सभी के सभी डरे सहमे खड़े रहे नेहा से नजरे मिलते ही ही नीचे झुका लेता हर कोई,

पुलिस ऑफीसर ----गाड़ी में बैठो में दिलाता हूँ तुम्हें सिलेंडेर
नेहा बिना कुछ बोले इंकार के रूप मे साइड मे हो जाती है,
पुलिस ऑफीसर ---- अच्छा इस लड़के को बिठाओ गाड़ी मे ये ले आयेगा(नेहा के साथ आये लड़के को उसने उसका बेटा समझा)
नेहा--- जी नही कोई बात नही
पुलिस ऑफीसर --------अरे नही ये ले आयेगा,

फिर नेहा ने ज़ीप मे बैठे सिपाहीयों की तरफ देखा पर जब उन मे से एक ने अपने माथे पर हाथ मारा तो उसे समझते देर ना लगी की कही से कोई हेल्प नहीं मिलेगी,

वो वापस घर जाने के लिये मुडती है।

पुलिस ऑफीसर --------अरे नही ये ले आयेगा
इतना कह वो उस लड़के को गोद मे उठा कर जबरदस्ती गाड़ी मे डालने लगा,,

अब तो हद ही हो गयी थी नेहा का डर गुस्से मे बदल गया और तब उसने लिया चण्डी का रूप जल्दी से दौड़ कर लड़के के पैर पकड ज़ीप से नीचे खिंचा---

नेहा-- : ,हराम की औलाद, मैं तो इस वर्दी के लिहाज में अब तक चुप थी ।।

तू दिलायेगा सिलेंडेर क्यों दिलायेगा जब मैं नहीं ले रही और कहा से दिलायेगा सारी दुनिया तो यहाँ आती है लेने ----चल दिला नाम बता अपना अड्रेस बता अभी भेजती हूँ लेने वालों को मैं खुद लेने आई इसका मतलब ये नही की मेरे घर में सब मर गये।

यहाँ खड़े लोग भले ही #हिजड़े हों लेकिन मुझे अपने अधिकार और ताकत अच्छे से मालूम है ---

अभी नेहा की बात पूरी भी नही हुई थी की वो दौड़ कर ज़ीप मे बैठ गया ड्राइवर से बोला चला जल्दी चला ड्राइवर भी कम नही था बोला स्टार्ट नही हो रही,
नेहा गुस्से से उन्हे घूरती रही,,

5 मिनट बाद गाड़ी चली उसमे बैठे सिपाहियों ने जिन्होने थोड़ी देर पहले अपने माथे पर हाथ मारा था,
"नेहा को सल्यूट किया"

इसके बाद जैसे ही नेहा गैस देने वाले की तरफ मुड़ी वो चिल्लाया ,,,,,,""जल्दी से सिलेंडेर बाहर ला-----

मैडम आप सिलेंडेर ले जाओ खाली सिलेंडेर बाद मे भिजवा देना -----

वहाँ खड़े लोग अब उसे गर्व और सम्मान की द्रष्टि से देख रहे थे अब उनकी नज़रे झुकी नही थी
नेहा ने सिलेंडेर रिक्शा मे रखा और चल दी-।।


Copied from Social Media Sites :)

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