Thursday, 11 May 2017

पापा मैं तीन तलाक के एकदम ख़िलाफ़ हूँ

पापा मैं तीन तलाक के एकदम ख़िलाफ़ हूँ

तेरी शादी कब हो गई बे

शादी नही हुई, तो मने पक्ष ना बताऊँ अपना

अबे पढ़ ले, फेल हो रिया है तीन साल से और तीन तलाक पे पक्ष देने लगा गधा कहीं का

मैं बता दूँ, बुर्के के भी खिलाफ हूँ बस कह दिया मैने

बेटा,मेरे पिछले जन्मों के पाप अपन तिवारियो में कौन पहन रहा बुर्का किसने दे दिये तीन तलाक

अरे पक्ष रखना जरूरी होता है समझ नही रहे हो आप,अच्छा सुनो मैं क्या कह रहा था ..अब देखो भुला दिया ना

पढ़ाई भी ऐसे ही भूल जाता है तू, किसी दिन सांस लेना मत भूल जाना करमजले

हाँ पढ़ाई से याद आया, मैं आरक्षण के खिलाफ हूँ

ओके

क्या ओके, और गाय का माँस खाना ही नही किसी को अबसे बता रहा हूँ

कौन खा रहा यार गाय का माँस, तेरी माँ के बनाये टिंडे ही ना खत्म होते यहाँ तो

वह मुझे नही मालुम पक्ष रखना जरूरी है , और क्या रह गया.. हाँ.. आर्य मूलनिवासी हैं और मुगल हर युध्द हारे क्या समझे बस कह दिया मतलब कह दिया

और कुछ??

नही मेरा ख्याल सारे पक्ष रख दिए मैंने

तो अब पढ़ाई कर लो लपक के

पढ़ाई ना करनी पड़े तभी तो पक्ष बना रहा हूँ पिताजी हर बात पर :(

पढ़ाई तो करनी पड़ेगी बिट्टा

ऐसा तो फिर एक बात और सुन लो हम लेकर रहेंगे आजादी.. महतारी बाप से आजादी.. मनुवाद से आजादी, रोटी साग से आजादी, कंपोस्ट खाद से आजादी

जाता है के आत्मा की आजादी लेके मानेगा शरीर से हरामखोर

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