Thursday, 11 May 2017

Hindi Poem - सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो...

बहुत ग़जब का नज़ारा है इस अजीबसी दुनिया का,

लोग सबकुछ बटोरने में लगे हैं खाली हाथ जाने के लिये..

🌹🌹🌹🌹
दुख के दस्तावेज़ हो या सुख की वसियत

ध्यान से देखोगे तो नीचे मिलेंगे 
ख़ुद के ही दस्तखत

🌹🌹🌹🌹
सफ़र में धूप तो होगी , जो चल सको तो चलो .......
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो.....

किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं ,
तुम अपने आपको खुद ही बदल सको तो चलो .......
सफ़र में धूप तो होगी , जो चल सको तो चलो l

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता , 
मुझे गिरा के खुद ही संभल सको तो चलो......

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो.....
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो.....

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