घाव हरा होना - (भूला हुआ दुख/गम फिर याद आ जाना)
वाक्य प्रयोग- कावेरी का बेटा छ: साल पहले आज ही के दिन मरा था इसलिए आज उसका घाव फिर से हरा हो गया।
घास न डालना - (अहमियत/महत्व/भाव न देना)
वाक्य प्रयोग- अरे भाई! मायावती तो मनमोहन सिंह को कोई भाव ही नहीं देती है।
घिग्घी बँध जाना - (भय के कारण मुंह से बोली न निकलना)
वाक्य प्रयोग- राम का रुद्र अवतार देख कर रावण की घिग्घी बँध गयी।
घी का चिराग जलाना - (ख़ुशियां मनाना, प्रसन्न होना)
वाक्य प्रयोग- लोग दीपावली पर ढेरों घी के चिराग जलाते है।
घी-खिचड़ी होना - (आपस में अत्यधिक मेल होना)
वाक्य प्रयोग- हंसा और आशा में घी-खिचड़ी जैसा मेल हैं।
घुट-घुट कर मरना - (असहनीय कष्ट झेलना)
वाक्य प्रयोग- मोहन की स्थिति दिल की बिमारी के कारण घुट-घुट कर मरने जैसी हो गई।
घुटा हुआ - (बहुत चालाक, धूर्त)
वाक्य प्रयोग- दिलीप तो बहुत घुटा हुआ आदमी हैं।
घुन लगना - (शरीर का अंदर ही अंदर क्षीण होना, चिंता होना)
वाक्य प्रयोग- बहुत समय से विवेक की नौकरी नही लगने के कारण उसे अंदर ही अंदर घुन लग गई।
घुल-मिल जाना - (एक हो जाना)
वाक्य प्रयोग- राजू की माँ ने जूस में चीनी मिलाई और दोनों घुल-मिल गये।
घूंघट का पट खोलना - (अज्ञानता से परदा हटाना)
वाक्य प्रयोग- दुर्गेश ने अपने गांव के सब गरीब लड़कों मुफ्त में शिक्षा देकर पुरे गांव से घूंघट के पट खोल दिये।
घोड़ा बेंचकर सोना - (खूब निश्चिंत होकर सोना)
वाक्य प्रयोग- मैने देखा की बैंक का गार्ड तो घोड़ा बेंचकर सो रहा है।
घोलकर पी जाना - (किसी चीज का अस्तित्व न रहने देना)
वाक्य प्रयोग- आलोक इतना चालाक है की सब को घोलकर पी जाता है।
चंडाल चौकड़ी - (दुष्टों का समूह)
वाक्य प्रयोग- अरे! इन सबसे क्या बात करना, ये तो इस गांव की चंडाल चौकड़ी है।
चंद्रमा बलवान होना - (भाग्य अनुकूल होना)
वाक्य प्रयोग- आज-कल दीपाली के चंद्रमा बलवान है, जो कुछ करती है उसमें लाभ मिलता है।
चंपत हो जाना - (भाग जाना)
वाक्य प्रयोग- सोनल यहाँ काम करती थी वह सारे पैसे लेकर चंपत हो गई।
चकमा देना - (धोखा देना)
वाक्य प्रयोग- सोनाली बदमाश लड़की हैं उसने दीपाली को चकमा दे दिया।
वाक्य प्रयोग- कावेरी का बेटा छ: साल पहले आज ही के दिन मरा था इसलिए आज उसका घाव फिर से हरा हो गया।
घास न डालना - (अहमियत/महत्व/भाव न देना)
वाक्य प्रयोग- अरे भाई! मायावती तो मनमोहन सिंह को कोई भाव ही नहीं देती है।
घिग्घी बँध जाना - (भय के कारण मुंह से बोली न निकलना)
वाक्य प्रयोग- राम का रुद्र अवतार देख कर रावण की घिग्घी बँध गयी।
घी का चिराग जलाना - (ख़ुशियां मनाना, प्रसन्न होना)
वाक्य प्रयोग- लोग दीपावली पर ढेरों घी के चिराग जलाते है।
घी-खिचड़ी होना - (आपस में अत्यधिक मेल होना)
वाक्य प्रयोग- हंसा और आशा में घी-खिचड़ी जैसा मेल हैं।
घुट-घुट कर मरना - (असहनीय कष्ट झेलना)
वाक्य प्रयोग- मोहन की स्थिति दिल की बिमारी के कारण घुट-घुट कर मरने जैसी हो गई।
घुटा हुआ - (बहुत चालाक, धूर्त)
वाक्य प्रयोग- दिलीप तो बहुत घुटा हुआ आदमी हैं।
घुन लगना - (शरीर का अंदर ही अंदर क्षीण होना, चिंता होना)
वाक्य प्रयोग- बहुत समय से विवेक की नौकरी नही लगने के कारण उसे अंदर ही अंदर घुन लग गई।
घुल-मिल जाना - (एक हो जाना)
वाक्य प्रयोग- राजू की माँ ने जूस में चीनी मिलाई और दोनों घुल-मिल गये।
घूंघट का पट खोलना - (अज्ञानता से परदा हटाना)
वाक्य प्रयोग- दुर्गेश ने अपने गांव के सब गरीब लड़कों मुफ्त में शिक्षा देकर पुरे गांव से घूंघट के पट खोल दिये।
घोड़ा बेंचकर सोना - (खूब निश्चिंत होकर सोना)
वाक्य प्रयोग- मैने देखा की बैंक का गार्ड तो घोड़ा बेंचकर सो रहा है।
घोलकर पी जाना - (किसी चीज का अस्तित्व न रहने देना)
वाक्य प्रयोग- आलोक इतना चालाक है की सब को घोलकर पी जाता है।
चंडाल चौकड़ी - (दुष्टों का समूह)
वाक्य प्रयोग- अरे! इन सबसे क्या बात करना, ये तो इस गांव की चंडाल चौकड़ी है।
चंद्रमा बलवान होना - (भाग्य अनुकूल होना)
वाक्य प्रयोग- आज-कल दीपाली के चंद्रमा बलवान है, जो कुछ करती है उसमें लाभ मिलता है।
चंपत हो जाना - (भाग जाना)
वाक्य प्रयोग- सोनल यहाँ काम करती थी वह सारे पैसे लेकर चंपत हो गई।
चकमा देना - (धोखा देना)
वाक्य प्रयोग- सोनाली बदमाश लड़की हैं उसने दीपाली को चकमा दे दिया।