Monday 14 March 2016

हिंदी मुहावरे 22

अंग-अंग ढीला होना - (बहुत थक जाना)
वाक्य प्रयोग- तुम्हारे साथ कल चलूँगा। आज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है।

चौखट पर माथा टेकना - (विनती, प्रार्थना करना, अनुनय-विनय करना)
वाक्य प्रयोग- रोजाना लाखौं लोग भगवान की चौखट पर माथा टेकने जाते है।

अक्ल चकराना - (कुछ समझ में न आना)
वाक्य प्रयोग- प्रश्न-पत्र देखते ही उसकी अक्ल चकरा गई।

चौथ का चाँद - (भादों शुक्ल चौथ का चाँद जिसके बारे में यह कहा जाता है कि यदि कोई उसे देख ले तो कलंक लगता है)
वाक्य प्रयोग- अरे वह आ रहा है उसे मत देखना वह तो चौथ का चाँद है।

करम फूटना - (अभागा होना)
वाक्य प्रयोग- तेरे तो करम फूटे हैं ही।

अक्ल के घोड़े दौड़ाना - (तरह-तरह के विचार करना)
वाक्य प्रयोग- बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने अक्ल के घोड़े दौड़ाए, तब अणुबम बना।

आँखों में धूल झोंकना - (धोखा देना)
वाक्य प्रयोग- शिवाजी मुगल पहरेदारों की आँखों में धूल झोंककर बंदीगृह से बाहर निकल गए।

कलई खुलना - (रहस्य प्रकट होना)
वाक्य प्रयोग- उन्हें सबसे विषम वेदना यही थी कि मेरे मनोभावों की कलई खुल गई।

आँख तरसना - (देखने के लालायित होना)
वाक्य प्रयोग- तुम्हें देखने के लिए तो मेरी आँखें तरस गई।

कलेजा पसीजना - (दया आना)
वाक्य प्रयोग- उसका करुण क्रन्दन सुनकर सबका कलेजा पसीज गया।

मुँह पर कालिख पोतना - (कलंक लगाना)
वाक्य प्रयोग- बेटा तुम्हारे कुकर्मों ने मेरे मुँह पर कालिख पोत दी है।

आँख फेर लेना - (प्रतिकूल होना)
वाक्य प्रयोग- उसने आजकल मेरी ओर से आँखें फेर ली हैं।

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