Monday 14 March 2016

हिंदी मुहावरे 3

६०.बाजी मारना (जीत पाना ) - आज आपने खेल में बाजी मार लिया .
६१.बात बनाना (बहाना बनाना ) - तुम हर काम में बात बनाना जानते हो .
६२.भीगी बिल्ली होना (बिलकुल डर जाना) - वह अपने पापा के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है .
६३.मिट्टी के मोल (बहुत सस्ता ) - यह मकान मिट्टी के मोल बिक गया .
६४.मुट्ठी गरम करना (घूस लेना ) - चलो मुट्ठी गरम कराओ, आज ही काम करवा देता हूँ.
६५.मुँह बंद कर देना (शांत कराना) - तुम धमकी देकर मेरा मुँह बंद कर देना चाहते हो .

अक्ल का अंधा - (मूर्ख, बेवकूफ) वाक्य प्रयोग- जैसा तुम समझतो हो वैसा वह अक्ल का अँधा नहीं है।

अक्ल ठिकाने लगना - (होश ठीक होना) वाक्य प्रयोग- आप ऐसा करो फिर देखो कैसे चार दिन में सबकी अक्ल ठिकाने लगती है।

अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) वाक्य प्रयोग- अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।

अपनी खिचड़ी अलग पकाना - (सबसे अलग रहना) वाक्य प्रयोग- आप लोग किसी के साथ मिलकर काम करना नहीं जानते, अपनी खिचड़ी अलग पकाते हो।
अक्ल का चरने जाना - (समय पर बुद्धि का काम न करना / समझ का अभाव होना) वाक्य प्रयोग- इतना भी समझ नहीं सके, क्या अक्ल चरने गए है?
अपने पैरों पर खड़ा होना - (स्वालंबी होना) वाक्य प्रयोग- युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।

आग-बबूला होना - (गुस्सा करना) वाक्य प्रयोग- लड़के को नकल करते देखकर गुरुजी आग बबूला हो गए।

अक्ल का दुश्मन - (मूर्ख) वाक्य प्रयोग- राम तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते, लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।

आना-कानी करना - (बहाने बनाना) वाक्य प्रयोग- राम उससे जब पुस्तक माँगने लगा तो वह आना-कानी करने लगा।

अपना उल्लू सीधा करना - (मतलब निकालना) वाक्य प्रयोग- आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है

अंगारे बरसना - (तेज धूप पड़ना) वाक्य प्रयोग- जयेष्ठ माह में अंगारे बरसते हैं।

कलेजा टूक टूक होना - (शोक में दुखी होना) वाक्य प्रयोग- पुत्र की मृत्यु का स्मरण होते ही कलेजा टूक टूक हो जाता है।

अंगारों पर लोटना - (ईष्या से जलना) वाक्य प्रयोग- सौतन को सामने देख वह अंगारों पर लोटने लगी।

कागजी घोड़े दौड़ाना - (बेहद लिखी पढ़ी करना) वाक्य प्रयोग- कुछ काम धाम क्यों नहीं करते, केवल कागजी घोड़े दौड़ाने से क्या लाभ?

अंगुठा चुसना - (खुशामद करना) वाक्य प्रयोग- स्वाभिमानी कभी किसीका अंगुठा नहीं चुसते।



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