ईंट का जवाब पत्थर से देना - (कठोर दुष्ट के साथ कठोरता का व्यवहार करना)
वाक्य प्रयोग- ईंट का जवाब पत्थर से देना अहिंसा के विरुद्ध है।
खून पसीना एक करना - (अधिक परिश्रम करना) वाक्य प्रयोग- खून पसीना एक करके विद्यार्थी परीक्षा में सफल होते है।
ईंट से ईंट बज जाना - (सर्वनाश हो जाना) वाक्य प्रयोग- आग लगे ऐसी कमाई में! ऐसी कमाई से लोगों की ईंट से ईंट बज जाए।
खून खौलना - (क्रोधित होना) वाक्य प्रयोग- झूठ बातें सुनते ही मेरा खून खौलने लगता है।
ईद का चाँद होना - (बहुत समय बाद दिखाई देना) वाक्य प्रयोग- सोहन! आप तो ईद के चाँद हो गए।
खून का प्यासा - (जानी दुश्मन होना) वाक्य प्रयोग- उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है।
ईमान बेचना - (बेईमानी करना) वाक्य प्रयोग- दुनिया में अनेक आदमी एक-एक कौड़ी के लिए ईमान बेचते हैं।
गले का हार होना - (बहुत प्रिय होना) वाक्य प्रयोग- छोटू अपने घर में गले का हार बन गया है।
उगल देना - (रहस्य/भेद/राज प्रकट कर देना) वाक्य प्रयोग- पुलिस का डंडा पड़ते ही सोहन ने सारा भेद/राज उगल दिया।
गला छूटना - (पिंड छोड़ना) वाक्य प्रयोग- बुरी तरह फँस गया था किन्तु अब गला छूट गया।
उड़न-छू हो जाना - (गायब हो जाना) वाक्य प्रयोग- एक दिन जो भी हाथ लगा वही लेकर वह उड़न-छू हो गया।
गर्दन पर छुरी चलाना - (नुकसान पहुचाना) वाक्य प्रयोग- मुझे पता चल गया कि विरोधियों से मिलकर किस तरह मेरे गले पर छुरी चला रहे थे।
उठते-बैठते - (सरलता से, आसानी से) वाक्य प्रयोग- मैं उठते-बैठते आठ-दस रुपये पैदा कर ही लेता हूँ।
कंघी-चोटी करना - (श्रृंगार करना) वाक्य प्रयोग- आज सबेरे से मेरी ही सेवा में लगी रही। नहलाया-धुलाया, कंघी-चोटी की, कपड़े-बपड़े पहनाये, सभी उसी ने किया।
गड़े मुर्दे उखाड़ना - (पुरानी बातों का याद दिलाना) वाक्य प्रयोग- आप समय देख कर चलें, गड़े मुर्दें उखाड़ना ठीक नहीं है।
कंचन बरसना - (बहुत अधिक लाभ होना) वाक्य प्रयोग- सुजान की खेती में कई साल से कंचन बरस रहा था।
गागर में सागर भरना - (थोड़े शब्दों में अधिक बातें कहना) वाक्य प्रयोग- बिहारी ने अपने दोहों में ऐसा भाव भरा है, लगता है कवि ने गागर में सागर भर दिया है।
कच्चा चबाना - (कठोर दण्ड देना) वाक्य प्रयोग- नारायणी भी तो आने वाली थी, कब आएगी? उसे तो तेरी भाभी कच्चा ही चबा जाएगी।
गुल खिलना - (नयी बात का भेद खुलना, विचित्र बातें होना) वाक्य प्रयोग- सुनते रहिये, देखिये अभी क्या गुल खिलेगा।
कच्ची गोली खेलना - (अनाड़ीपन) वाक्य प्रयोग- आप शायद चाहते होंगे, जब आपको राजा साहब से रुपये मिल जाते तो आप मुझे दो हजार रुपये दे देते तो मैं ऐसी कच्ची गोली नहीं खेलता।
गिरगिट की तरह रंग बदलना - (बातें बदलना) वाक्य प्रयोग- गिरगिट की तरह रंग बदलने से तुम्हारी कोई इज्जत नहीं करेगा।
कट जाना - (बहुत लज्जित होना) वाक्य प्रयोग- जब मैं स्त्रियों के ऊपर दया दिखाने का उत्साह पुरुषों में देखती हूँ तो जैसे कट जाती हूँ।
घर का न घाट का - (कहीं का नहीं) वाक्य प्रयोग- तुम्हारी आदत ने तुम्हे न घर का न घाट का बना रखा है।
कठपुतली की तरह नचाना - (अपनी इच्छानुसार काम कराना) वाक्य प्रयोग- यही लोग उन बेचारों को कठपुतली की तरह नचा रहे हैं।
घाव पर नमक छिड़कना - (दुःख में दुःख देना) वाक्य प्रयोग- राम वैसे ही दुखी है, तुम उसे परेशान करके घाव पर नमक छिड़क रहे हो।
कढ़ी का-सा उबाल - (शीघ्र ही समाप्त हो जाने वाला जोश) वाक्य प्रयोग- मैं उस पर विश्वास नहीं कर सकता, क्योंकि उसमें कढ़ी का-सा उबाल आता है।
कन्नी काटना - (कतराकर, बचकर किनारे से निकल जाना) वाक्य प्रयोग- आवारा लड़कों को सड़क पर खड़ा देखकर सोनाली कन्नी काटकर दूर से निकल गयी।
कब्र में पाँव लटकाना - (मौत के निकट आना) वाक्य प्रयोग- अब मुझे अम्मा कब्र में पैर लटकाए दीख पड़ती थीं।
छाती पर पत्थर रखना - (कठोर ह्रदय) वाक्य प्रयोग- उसने छाती पर पत्थर रखकर अपने पुत्र को विदेश भेजा था।
एक न चलना - (कोई युक्ति सफल न होना) वाक्य प्रयोग- भगवती ने बहुत तर्क-कुतर्क किया, पर प्रवीण के आगे उसकी एक न चली।
खून पसीना एक करना - (अधिक परिश्रम करना) वाक्य प्रयोग- खून पसीना एक करके विद्यार्थी परीक्षा में सफल होते है।
ईंट से ईंट बज जाना - (सर्वनाश हो जाना) वाक्य प्रयोग- आग लगे ऐसी कमाई में! ऐसी कमाई से लोगों की ईंट से ईंट बज जाए।
खून खौलना - (क्रोधित होना) वाक्य प्रयोग- झूठ बातें सुनते ही मेरा खून खौलने लगता है।
ईद का चाँद होना - (बहुत समय बाद दिखाई देना) वाक्य प्रयोग- सोहन! आप तो ईद के चाँद हो गए।
खून का प्यासा - (जानी दुश्मन होना) वाक्य प्रयोग- उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है।
ईमान बेचना - (बेईमानी करना) वाक्य प्रयोग- दुनिया में अनेक आदमी एक-एक कौड़ी के लिए ईमान बेचते हैं।
गले का हार होना - (बहुत प्रिय होना) वाक्य प्रयोग- छोटू अपने घर में गले का हार बन गया है।
उगल देना - (रहस्य/भेद/राज प्रकट कर देना) वाक्य प्रयोग- पुलिस का डंडा पड़ते ही सोहन ने सारा भेद/राज उगल दिया।
गला छूटना - (पिंड छोड़ना) वाक्य प्रयोग- बुरी तरह फँस गया था किन्तु अब गला छूट गया।
उड़न-छू हो जाना - (गायब हो जाना) वाक्य प्रयोग- एक दिन जो भी हाथ लगा वही लेकर वह उड़न-छू हो गया।
गर्दन पर छुरी चलाना - (नुकसान पहुचाना) वाक्य प्रयोग- मुझे पता चल गया कि विरोधियों से मिलकर किस तरह मेरे गले पर छुरी चला रहे थे।
उठते-बैठते - (सरलता से, आसानी से) वाक्य प्रयोग- मैं उठते-बैठते आठ-दस रुपये पैदा कर ही लेता हूँ।
कंघी-चोटी करना - (श्रृंगार करना) वाक्य प्रयोग- आज सबेरे से मेरी ही सेवा में लगी रही। नहलाया-धुलाया, कंघी-चोटी की, कपड़े-बपड़े पहनाये, सभी उसी ने किया।
गड़े मुर्दे उखाड़ना - (पुरानी बातों का याद दिलाना) वाक्य प्रयोग- आप समय देख कर चलें, गड़े मुर्दें उखाड़ना ठीक नहीं है।
कंचन बरसना - (बहुत अधिक लाभ होना) वाक्य प्रयोग- सुजान की खेती में कई साल से कंचन बरस रहा था।
गागर में सागर भरना - (थोड़े शब्दों में अधिक बातें कहना) वाक्य प्रयोग- बिहारी ने अपने दोहों में ऐसा भाव भरा है, लगता है कवि ने गागर में सागर भर दिया है।
कच्चा चबाना - (कठोर दण्ड देना) वाक्य प्रयोग- नारायणी भी तो आने वाली थी, कब आएगी? उसे तो तेरी भाभी कच्चा ही चबा जाएगी।
गुल खिलना - (नयी बात का भेद खुलना, विचित्र बातें होना) वाक्य प्रयोग- सुनते रहिये, देखिये अभी क्या गुल खिलेगा।
कच्ची गोली खेलना - (अनाड़ीपन) वाक्य प्रयोग- आप शायद चाहते होंगे, जब आपको राजा साहब से रुपये मिल जाते तो आप मुझे दो हजार रुपये दे देते तो मैं ऐसी कच्ची गोली नहीं खेलता।
गिरगिट की तरह रंग बदलना - (बातें बदलना) वाक्य प्रयोग- गिरगिट की तरह रंग बदलने से तुम्हारी कोई इज्जत नहीं करेगा।
कट जाना - (बहुत लज्जित होना) वाक्य प्रयोग- जब मैं स्त्रियों के ऊपर दया दिखाने का उत्साह पुरुषों में देखती हूँ तो जैसे कट जाती हूँ।
घर का न घाट का - (कहीं का नहीं) वाक्य प्रयोग- तुम्हारी आदत ने तुम्हे न घर का न घाट का बना रखा है।
कठपुतली की तरह नचाना - (अपनी इच्छानुसार काम कराना) वाक्य प्रयोग- यही लोग उन बेचारों को कठपुतली की तरह नचा रहे हैं।
घाव पर नमक छिड़कना - (दुःख में दुःख देना) वाक्य प्रयोग- राम वैसे ही दुखी है, तुम उसे परेशान करके घाव पर नमक छिड़क रहे हो।
कढ़ी का-सा उबाल - (शीघ्र ही समाप्त हो जाने वाला जोश) वाक्य प्रयोग- मैं उस पर विश्वास नहीं कर सकता, क्योंकि उसमें कढ़ी का-सा उबाल आता है।
कन्नी काटना - (कतराकर, बचकर किनारे से निकल जाना) वाक्य प्रयोग- आवारा लड़कों को सड़क पर खड़ा देखकर सोनाली कन्नी काटकर दूर से निकल गयी।
कब्र में पाँव लटकाना - (मौत के निकट आना) वाक्य प्रयोग- अब मुझे अम्मा कब्र में पैर लटकाए दीख पड़ती थीं।
छाती पर पत्थर रखना - (कठोर ह्रदय) वाक्य प्रयोग- उसने छाती पर पत्थर रखकर अपने पुत्र को विदेश भेजा था।
एक न चलना - (कोई युक्ति सफल न होना) वाक्य प्रयोग- भगवती ने बहुत तर्क-कुतर्क किया, पर प्रवीण के आगे उसकी एक न चली।