काँटों में घसीटना - (बहुत दुख देना) वाक्य प्रयोग- वह हाथ में आ जाता तो काँटों में ऐसा घसीटता कि उसे होश आ जाता।
आँखें सेंकना - (सुंदर वस्तु को देखते रहना) वाक्य प्रयोग- आँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी।
काँव-काँव करना - (शोरगुल मचाना) वाक्य प्रयोग- बिरादरी का झंझट जो है, सारा गाँव काँव-काँव करने लगेगा।
आँख उठाना - (देखने का साहस करना) वाक्य प्रयोग- अब वह कभी भी मेरे सामने आँख नहीं उठा सकेगा।
काग़ज की नाव - (न टिकने वाली वस्तु) वाक्य प्रयोग- हमारा शरीर काग़ज की नाव है, अतएव इस पर गर्व नहीं करना चाहिए।
आँख खुलना - (होश आना) वाक्य प्रयोग- जब संबंधियों ने उसकी सारी संपत्ति हड़प ली तब उसकी आँखें खुलीं।
काग़जी घोड़े दौड़ाना - (केवल काग़जी कार्रवाई करना) वाक्य प्रयोग- आप क्या करते हैं, सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाते हैं।
आँखों पर परदा पड़ना - (लोभ के कारण सचाई न दीखना)
वाक्य प्रयोग- जो दूसरों को ठगा करते हैं, उनकी आँखों पर परदा पड़ा हुआ है।
काटो तो खून नहीं - (स्तब्ध हो जाना, सन्न हो जाना)
वाक्य प्रयोग- मुझे काटो तो खून नहीं, तब क्या बात सचमुच ही यहाँ तक बढ़ गई थी?
आँखों का कांटा - (अप्रिय व्यक्ति)
वाक्य प्रयोग- प्रवीण की आँखों का कांटा तो केवल रामकृष्ण ही है।
कान का कच्चा - (बिना सोचे-बिचारे दूसरों की बातों पर विश्वास कर लेने वाला)
वाक्य प्रयोग- पन्तजी ऐसे पहले महाकवि नहीं थे जो ऐसे मामलों में कान के कच्चे थे।
आँखों में समाना - (दिल में बस जाना)
वाक्य प्रयोग- गिरधर गोपाल(भगवान श्रीकृष्ण) मीरा की आँखों में समा गया।
कान काटना - (चालाकी, धूर्तता में सबसे बढ़कर होना)
वाक्य प्रयोग- मान गया बहू जी तुम्हें, वाह, क्या हिकमत निकाली है। हम सबके कान काट लिए।
कारूँ का खजाना - (कुबेर का कोष, अतुल धनराशि)
वाक्य प्रयोग- कुबेर का कोष अतुल धनराशि
कान का कच्चा - (सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना)
वाक्य प्रयोग- जो मालिक कान के कच्चे होते हैं वे भले कर्मचारियों पर भी विश्वास नहीं करते।
काला धन - (बेईमानी और तस्करी आदि से पैदा किया हुआ धन)
वाक्य प्रयोग- भारत मे राजनेताओं के पास बहुत काला धन जमा है।
कान पर जूँ तक न रेंगना - (कुछ असर न होना)
वाक्य प्रयोग- माँ ने गौरव को बहुत समझाया, किन्तु उसके कान पर जूँ तक नहीं रेंगी।
आँखें सेंकना - (सुंदर वस्तु को देखते रहना) वाक्य प्रयोग- आँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी।
काँव-काँव करना - (शोरगुल मचाना) वाक्य प्रयोग- बिरादरी का झंझट जो है, सारा गाँव काँव-काँव करने लगेगा।
आँख उठाना - (देखने का साहस करना) वाक्य प्रयोग- अब वह कभी भी मेरे सामने आँख नहीं उठा सकेगा।
काग़ज की नाव - (न टिकने वाली वस्तु) वाक्य प्रयोग- हमारा शरीर काग़ज की नाव है, अतएव इस पर गर्व नहीं करना चाहिए।
आँख खुलना - (होश आना) वाक्य प्रयोग- जब संबंधियों ने उसकी सारी संपत्ति हड़प ली तब उसकी आँखें खुलीं।
काग़जी घोड़े दौड़ाना - (केवल काग़जी कार्रवाई करना) वाक्य प्रयोग- आप क्या करते हैं, सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाते हैं।
आँखों पर परदा पड़ना - (लोभ के कारण सचाई न दीखना)
वाक्य प्रयोग- जो दूसरों को ठगा करते हैं, उनकी आँखों पर परदा पड़ा हुआ है।
काटो तो खून नहीं - (स्तब्ध हो जाना, सन्न हो जाना)
वाक्य प्रयोग- मुझे काटो तो खून नहीं, तब क्या बात सचमुच ही यहाँ तक बढ़ गई थी?
आँखों का कांटा - (अप्रिय व्यक्ति)
वाक्य प्रयोग- प्रवीण की आँखों का कांटा तो केवल रामकृष्ण ही है।
कान का कच्चा - (बिना सोचे-बिचारे दूसरों की बातों पर विश्वास कर लेने वाला)
वाक्य प्रयोग- पन्तजी ऐसे पहले महाकवि नहीं थे जो ऐसे मामलों में कान के कच्चे थे।
आँखों में समाना - (दिल में बस जाना)
वाक्य प्रयोग- गिरधर गोपाल(भगवान श्रीकृष्ण) मीरा की आँखों में समा गया।
कान काटना - (चालाकी, धूर्तता में सबसे बढ़कर होना)
वाक्य प्रयोग- मान गया बहू जी तुम्हें, वाह, क्या हिकमत निकाली है। हम सबके कान काट लिए।
कारूँ का खजाना - (कुबेर का कोष, अतुल धनराशि)
वाक्य प्रयोग- कुबेर का कोष अतुल धनराशि
कान का कच्चा - (सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना)
वाक्य प्रयोग- जो मालिक कान के कच्चे होते हैं वे भले कर्मचारियों पर भी विश्वास नहीं करते।
काला धन - (बेईमानी और तस्करी आदि से पैदा किया हुआ धन)
वाक्य प्रयोग- भारत मे राजनेताओं के पास बहुत काला धन जमा है।
कान पर जूँ तक न रेंगना - (कुछ असर न होना)
वाक्य प्रयोग- माँ ने गौरव को बहुत समझाया, किन्तु उसके कान पर जूँ तक नहीं रेंगी।